नेशनल फ्रंटियर, उमरिया। जिले में लगातार कुछ दिनों से बे मौसम बरसात ने कई मुसीबतों को सामने खड़ा कर दिया है। एक तो कोरोना की मार उस पर दूसरी बड़ी मुसीबत बिन मौसम बादल का बरसना किसानों के गेहूं की फसल को बर्बाद कर रहा है। ऐसे में कई खरीदी केंद्रों पर समुचित व्यवस्था न होने और परिवहन में लेट लतीफी के कारण कई क्विंटल गेहूं पानी में भीग गया है। उपार्जन केंद्र पर से इस तरह की लापरवाही से शासन को कई लाखों रुपये का नुकसान की गंध आने लगी है। जानकारों की माने तो यदि समय रहते व्यवस्था की जाती तो चंदिया और मानपुर क्षेत्र के उपार्जन केंद्रों में बिन मौसम बरसात से जिस तरह गेहूं के बर्बादी की खबरें आ रही हैं, वह नहीं होती हालांकि इसमें बड़ी लापरवाही परिवहन ठेकेदार की भी बताई जा रही है।
समय रहते नहीं कर पा रहे परिवहन :
जिस तरह से उपार्जन केंद्रों में कोरोनाकाल के दौरान किसानों से खरीदी हो रही है, उस तरह से यदि अनुमान लगाया जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा की शाम तक गेहूं का परिवहन कर उपार्जन केंद्र से उसके मूल व्यवस्थित स्थान तक न पहुंचाया जा सके। लेकिन खबर है कि परिवहन ठेकेदार मोटी कमाई के फेर में जिस तरह से परिवहन में ढुलमुलपन अपनाए हुए है उस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है जिस कारण से इस तरह बदलते मौसम के मिजाज से सुदूर स्थित उपार्जन केंद्रों में कई क्विंटल गेहूं बेवजह पानी से प्रभावित होकर सड़ने के रख लेटलतीफी की जा रही है।
उपार्जन केंद्र में अधिकारियों की खानापूर्ति :
जिस तरह से मौसम मिजाज बदल रहा है उसे लेकर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने जिम्मेदार अधिकारियों को उपार्जन केन्द्रो का जायजा लेने निर्देशित किया है। वहीं तहसीलदार चंदिया ने उपार्जन केन्द्र कोयलारी का आकस्मिक निरीक्षण किया जहां लगभग 250 बोरी गेहूं पानी से प्रभावित पाया गया। इस तरह से मिल रही जानकारी की यह पुष्टि हो गई कि उपार्जन केंद्रों पर गेहूं बारिश के वजह से प्रभावित हुआ है, लेकिन सूत्रों की माने तो इस पर जिम्मेदार अधिकारी किसी की जवाबदेही तय नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि इससे इतर अधिकारियों के द्वारा बोरियों को तिरपाल से सुरक्षित कवर किये जाने के लिए निर्देशित कर रहे हैं। जबकि उक्त स्थल पर जल्दी परिवहन हेतु अधिक से अधिक परिवहन वाहनों को भेजकर परिवहन के निर्देश दिए गए हैं।