सुभाष कुमार पाण्डेय (गुरु भाई)
चुरहट। ग्राम लकोड़ा, करौंदहा टोला से बरिगवा गांव को जोड़ने वाली सड़क नहीं होने से लोग परेशान देखे जा रहे हैं। दोनों गांव के बीच पहाड़ी होने से ग्रामीणजनों में काफी परेशानी भरा माहौल देखने को मिल रहा है।
लकोड़ा ग्राम के करौदहा टोला एवं उससे लगी हुई अन्य बस्ती के लोग अस्पताल, स्कूल व बाजार से वंचित रह जाते हैं। यदि कोई बीमार हो तो उसे कंधे का सहारा देना होता है और पहाड़ी के दूसरी ओर ले जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने तो अपनी समस्या बताते हुए यह तक कहा है कि कई महिलाओं को प्रसव पीड़ा के दौरान एंबुलेंस लेने के लिए पहाड़ी के उस पार तक आई और जब गर्भवती महिला को चारपाई के सहारे कंधे पर रख कर ले जाने लगे तो पहाड़ी के शिखर पर पहुंचते ही प्रसव हो गया।
ग्रामीणों ने बताया कि कोई भी वाहन यहां तक नहीं आता है और हम ग्रामीण लोग अपने चलने के लिए सड़क को स्वयं समतल करके बनाते हैं, तब रास्ता चलने योग्य हो पाता है। जहां सरकार विकास के बड़े-बड़े वादे करती है, वही दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी देखी जा रही है। वही देखा जा रहा है की सड़क न होने के कारण ग्रामीण जन काफी परेशान है।
कागजों में तो हजारों हजारों किलोमीटर लंबी सड़के बन चुकी है, लेकिन! आज भी जमीनी हकीकत क्या है? इसका एक नजारा सीधी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जा सकता है। ग्रामीणजन अब नेताओं से भी रूष्ट हो चुके हैं, ग्रामीणों ने नेताओं के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि चुनाव के समय वोट लेने के लिए सड़क बनवाने और पेयजल आपूर्ति उपलब्ध कराने की बात कहकर लुभाते हैं और फिर जीतने के बाद गांव को ही भूल जाते हैं।
आज भी ग्रामीणजन बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। जबकि प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द इन ग्रामीणों की समस्या में ध्यान दें, और इस दिशा में जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाएं।