जयसिंहनगर/शहडोल। जयसिंहनगर थाने में शिकायत करने के बाद भी एफआईआर दर्ज होने की कोई गारंटी नहीं रहती। भले ही कितना बेस्ट पुलिसिंग की ओर कदम बढ़ाने की बातें एमपी पुलिस करें, लेकिन उसकी हक़ीकत यही है, की आज भी रसूखदारों के आगे पीड़ितों की कोई सुनवाई नहीं। मामला कुबरा हाई स्कूल के प्राचार्य से जुड़ा हुआ है, जिनके द्वारा एक 9 वीं कक्षा के छात्र के साथ बेरहमी से मारपीट की गई। जुबेनाइल एक्ट के सवेंदनशील मामले में बारह दिन बीते जाने के बाद भी प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की गई। जिस तरह से जयसिंहनगर थाने में कानून का राज चल रहा है, इससे बेस्ट पुलिसिंग को बट्टा लगते दिखाई दे रहा है।
यह है मामला :
दरअसल शासकीय हाई स्कूल कुबरा का है, जहां पदस्थ प्रचार्य एस के तिवारी द्वारा 15 वर्षीय कक्षा 9 में अध्ययनरत एक लड़के को बेरहमी से महज इस बात के लिए छड़ी से पिटाई की गई थी, कि वह विद्यालय स्थित पुराने कार्यालय के समीप लगे गेट पर चढ़ा था। मामले की शिकायत थाने में हुई। वहीं विभागीय स्तर की जांच जयसिंहनगर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को दी गई, लेकिन जांच अंजाम से पहले दम तोड़ रही है। और देश भक्ति जन सेवा आदर्श वाली पुलिस अभी तक एफआईआर नहीं दर्ज कर सकी।
पुलिस की हीलाहवाली से आहत पीड़ित! :
शिकायतकर्ता ने शनिवार 17 सितम्बर को थाने में शिकायत दर्ज कराई। जिसकी जांच कुबरा बीट के प्रभारी सहायक उप नीरीक्षक महेंद्र शुक्ला को सौंपी गई। शिकायत के सप्ताह भर बाद जिम्मेदार ने बयान लिया और आज तक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी। वहीं आरोप है, कि पीड़ित के दर्द को छोड़ मामले में दोषी को बचाने ये ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। जबकि जयसिंहनगर थाना प्रभारी को इस संवेदनशील मामले में जुबेनाइल एक्ट के तहत मामला कायम करना चाहिए।
शिकायत वापस लेने बनाया जा रहा दबाव :
यही नहीं शिकायतकर्ता के ऊपर पुलिस से लेकर, अन्य शिक्षक और गांव के रसूखदार लगातार दबाव बना रहे हैं, की वह शिकायत वापस ले। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि उसका बालक विद्यालय नहीं जा रहा है। प्रचार्य ने धमकी दी है, की उसके बालक को वह झूठे आरोप में फंसवा देंगे। इससे डरे सहमे शिकायतकर्ता सन्तोष साहू अपने पुत्र को विद्यालय नहीं भेज रहे। उनकी मांग है, की दोषी शिक्षक के विरुद्ध मामला दर्ज हो और प्राचार्य को विद्यालय से हटाया जाए।
जांचकर्ता प्रभारी शुक्ला पर उठे प्रश्नचिन्ह :
इस मामले में जिस बीट प्रभारी को जिम्मेदारी सौंपी गई, वह इसे समझौता में निपटारा कराने के फेर में लेट लतीफी कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो सहायक उप निरीक्षक और विद्यालय प्रचार्य रिस्तेदारी के गंठ जोड़ की वजह से कानूनी कार्यवाही से बचाये जा रहे हैं। मसलन यही वजह मानी जा रही है, कि अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
अभी तक कमेटी नहीं ले सकी पीड़ित का बयान :
वहीं प्रचार्य को लेकर विभागीय जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों ने विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी जयसिंहनगर नीलम सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है, जिन्होंने ने अभी तक महज तीन सदस्यीय कमेटी का ही गठन कर पाया। कमेटी में प्रचार्य राजीव तिवारी, सीएम राइज विद्यालय प्रचार्य डी पी कोकिला एवं माध्यमिक विद्यालय टिहक़ी प्रधानाध्यापक सुशील कुमार द्विवेदी को रखा गया है। लिहाजा इन्होंने अभी तक पीड़ित पक्ष का बयान तक नहीं लिया। बहरहाल जिम्मेदार जांच अधिकारी ने जल्द ही मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही।
इनका कहना है –
◆ शिक्षा विभाग भी उसमें जांच कर रहा था, देखते हैं क्या रिपोर्ट आई है। कार्यवाही होगी, मैं मामला दिखवाता हूँ।
– रवि प्रकाश कोल, एसडीओपी, ब्यौहारी
◆ एक दिन बयान लेने गए तो, वे लोग शहडोल चले गए थे। मेरी चुनाव ड्यूटी लग गई थी। तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जल्द ही छात्र से मिलकर बयान लिया जाएगा। – नीलम सिंह, बीईओ, जयसिंहनगर