नेशनल फ्रंटियर, शहडोल। पं. शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय शहडेाल के प्रथम दीक्षान्त समारोह में शामिल हुए मध्य प्रदेश के राज्यपाल द्वारा मेघावी छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षान्त समारोह में 30 प्रतिभावान छात्रों को पदक और 2222 विद्यार्थियों को राज्यपाल द्वारा उपाधियां वितरित की गई। विश्वविद्यालय शहडोल के प्रथम दीक्षान्त समारोह को सम्बोंधित करते हुए मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा, कि राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों की अहम भूमिका है। प्राध्यापकों का यह दायित्व है कि वे विद्यार्थियों में सेवा, संस्कार रोपित कर उन्हें आदर्श छात्र एवं नागरिक बनाने का प्रयास करें। राज्यपाल ने कहा कि आदर्श नागरिक बनने के लिए शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। नई शिक्षा नीति में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, रोजगार के साथ ही नैतिक मूल्यों का समावेश किया गया है, विश्वविद्यालय शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करें।
विद्यार्थियों के ज्ञान से गांव का नाम रोशन :
दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि, विश्वविद्यालयों में अध्यनरत छात्र-छात्राएं सत्य के मार्ग पर चलकर और धर्म का पालन कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण कर अपने ज्ञान को शोध और अनुसंधान में लगाएं। विद्यार्थियों के ज्ञान से उनके गांव, प्रदेश व देश का नाम रोशन हो, विद्यार्थी ऐसा कोई कार्य न करे जिससे उनकी मातृभूमि को लांछन लगें। विश्वविद्यालय में प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को पदक से सम्मान मिलने के बाद उनकी सामाजिक एवं राष्ट्र के प्रति और जबावदारी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि मुझे आशा ही नही विश्वास है कि इस विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण छात्र धन अर्जित करेंगे तथा अपने ज्ञान का उपयोग समाजहित में करेंगे।
सिकल सेल बीमारी पर जागरूकता जरूरी :
आदिवासी अंचलों में सिकल सेल की बीमारी सभी के सामने एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि सिकल सेल के प्रति जागरूकता पैदा करने में और इसके नियंत्रण में विश्वविद्यालयों की अहम भूमिका होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिकल सेल की बीमारी के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों को भी इसमें सहभागिता निभाना चाहिए। सभी विश्वविद्यालय 5-5 गांव को गोद लेकर सिकल सेल बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करें तथा बीमारी से बचाव के लिए निरंतर प्रयास करें। राज्यपाल ने कहा कि यह वंशानुगत रोग है इसके निदान हेतु सबको मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। सिकल सेल की जांच वृहद स्तर पर होनी चाहिए, जिससे रोग के बारे में सभी को जानकारी हो और इसका निदान भी संभव हो सकें।
वहीं दीक्षांत समारोह को जिले के प्रभारी एवं मध्य प्रदेश शासन के पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रामखेलावन पटेल, कुलपति सॉची विश्वविद्यालय प्रोफेसर नीरजा अरूण गुप्ता, कुलपति पं. शंभूनाथ विश्वविद्यालय प्रोफेसर डॉ. मुकेश तिवारी ने भी सम्बोंधित किया। विद्यार्थियों को दीक्षान्त समारोह में स्वर्ण पदक मिलने पर शुभकामनाएं भी दी।