आनंद अकेला की विशेष रिपोर्ट
भोपाल। प्रदेश में मैरिज गार्डन के संचालन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नए नियम लागू कर दिए गए हैं। प्रदेश में नए नियम लागू होने के साथ ही सभी पुराने नियम और रजिस्ट्रेशन रद्द हो चुके हैं। प्रदेश के सभी मैरिज गार्डन के लिए तीन पुनः रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए सरकार की तरफ से तीन महीने का समय दिया गया है।
प्रदेश के मैरिज गार्डन आम जनता के लिए सुरक्षित हो इसके लिए इनके संचालन के नियमों में कई बड़े परिवर्तन किये गए हैं। प्रदेश के नगरीय प्रशासन द्वारा इसके संबंध में नए गाइडलाइंस भी जारी कर दी गई है। नए नियम लागू होने के बाद अब सभी पुराने लाइसेंस स्वतः ही समाप्त हो जाएंगे। इस कारण प्रदेश में मैरिज गार्डन के संचालकों को पुनः से नया रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए विभाग की तरफ से तीन महीने का समय दिया गया है।
प्रदेश में मैरिज गार्डन के संचालन के लिए जो नियम बनाए गए हैं उसके अनुसार अब हर मैरिज गार्डन को अपने कुल क्षेत्रफल का 25 प्रतिशत हिस्सा पार्किंग के लिए आरक्षित करना होगा। साथ ही हर वह प्राइवेट प्रॉपर्टी जहां पर 50 से अधिक लोगों का कार्यक्रम आयोजित हो सकते हैं वो मैरिज गार्डन की श्रेणी में आएंगे। तय समयावधि में अगर कोई संचालक अपने मैरिज गार्डन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है तो उसे अवैध घोषित करके तोड़ दिया जाएगा। अब मैरिज गार्डन का रजिस्ट्रेशन शुल्क क्षेत्रफल के अनुसार निर्धारित किया जाएगा। आम जनता के लिए मैरिज गार्डन सुरक्षित हो इसके मद्देनजर अब गार्डन में साफ सफाई, वाहन एवं नागरिकों की सुरक्षा एवं अग्निशमन के उपकरण रखने आवश्यक होंगे।
इसके साथ ही अस्पताल और स्कूल या कालेज से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर ही मैरिज गार्डन खोलना होगा। मैरिज गार्डन में रात्रि 10 से सुबह 8 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा विकास समिति, गृह निर्माण समिति आदि द्वारा सार्वजनिक पार्क स्थान के लिए चिह्नित स्थानों का उपयोग शादी समारोह के लिए नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। वहीं अगर निकाय सीमा में 50 लोगों से ज्यादा एकत्रित होने की क्षमता रखने वाले स्थानों को मैरिज गार्डन की श्रेणी में रखा गया है। इसमें होटल, प्लॉट, फार्म, सामुदायिक केंद्र, भवन, क्लब, बैंक्वेट हॉल, धर्मशाला आदि शामिल हैं, जिनका उपयोग शादी, सगाई, जन्मदिन, उत्सव, प्रदर्शनी, कन्वेंशन, गरबा, नववर्ष आदि समारोह के लिए किया जाता है।
यह होगा रजिस्ट्रेशन शुल्क
प्रदेश में अब मैरिज गार्डन के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क उसके क्षेत्रफल के हिसाब से तय किया जाएगा। जिसकी सबसे कम राशि लगभग 12000 रुपये से शुरू होगी। इसके साथ साल 750 से 10 हजार रुपए उपभोक्ता शुल्क भी अलग से भरना पड़ेगा। साथ ही हर तीन साल में मैरिज गार्डन का रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण कराना होगा। वहीं नियमों का उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपए तक जुर्माना लगेगा।