जयसिंहनगर/शहडोल। सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के छात्र और छात्राओं को अपना भांजा और भांजी कहते हैं, लेकिन शायद वे भी यह जानकर सख्ते में पड़ जाएंगे कि गलती होने पर समझाईस देने की बजाय विद्यालय में पदस्थ शिक्षक किस तरह की बर्बरता उनके भांजों के साथ करते हैं। दरअसल मामला शहडोल जिले के जयसिंहनगर विकासखंड अंतर्गत आने वाले शासकीय हाई स्कूल कुबरा का है, जहां पदस्थ प्राचार्य की छात्र के साथ बर्बरता ने रोंगटे खड़े कर दिए। प्राचार्य शिव कुमार तिवारी ने 9 वीं कक्षा में अध्ययनरत एक नाबालिग की बेरहमी से पिटाई कर दी। यही नहीं मास्साब ने छात्र को इतना पीटा की उसके पीठ, पैर सहित उसके शरीर के अन्य हिस्सों में आए जख्मों के लाल निशां और दर्द से कराह उठा पन्द्रह वर्षीय छात्र भयभीत है। यही नहीं जिसने भी छात्र के निशां देखें, मास्साब की ऐसी बर्बरता देख उसके तक रोंगटे खड़े हो गए। जबकि दूसरे छात्रों के मन में भी शिक्षकों के प्रति खौफ़ बैठ गया।
यह है मामला :
सन्तोष साहू ने बताया कि यह घटना बीते 17 सितंबर दिन शनिवार को शासकीय हाई स्कूल कुबरा की है, जहां तक़रीबन 15 वर्षीय उनका पुत्र कक्षा 9 में अध्ययनरत है। उन्होंने बताया कि उनका पुत्र विद्यालय स्थित पुराने कार्यालय के समीप लगे गेट पर चढ़ा था, जिसे लेकर प्राचार्य ने बेतरतीबी से उसकी पिटाई की।
छात्र की छड़ी से पिटाई फिर! दवाई :
असंवेदना की पराकाष्ठा पार करते हुए प्राचार्य तिवारी ने छात्र को समझाने की बजाय छड़ी से उसको पीट-पीटकर उसके शरीर को जख्मों से लाल कर दिया। यही नहीं सूत्रों के मुताबिक़ आपा खोकर पिटाई करने वाले प्राचार्य ने छड़ी से पिटाई करने के बाद, एक शिक्षिका से दवा मंगाकर उसके चोटिल हुए निशां पर मलहम भी लगाया। छात्र के साथ हुई सख्ती को लेकर उसके पिता ने बताया कि प्राचार्य का कहना है, कि ऐसे लोगों को वो ठीक करना जानते हैं। टीसी काटने तक बोलकर उस पर विद्यालयीन छात्राओं के ऊपर दबाव बनाकर फर्जी मुक़दमे में फंसाने की धमकी तक एक गरिमावान पद पर आसीन प्राचार्य ने दे डाली।
प्राचार्य के विरुद्ध थाने पहुंची शिकायत :
छात्र के साथ घटे इस घटना की शिकायत उसके पिता ने जयसिंहनगर थाने में की है। जिसमें उसने पुत्र के साथ प्राचार्य द्वारा किये हुए कारनामों की बीती प्रभारी को सुनाई। लेकिन अभी तक प्राचार्य के विरुद्ध इस संवेदनशील मामले में कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। लेकिन विभागीय अधिकारियों ने मामले में कार्यवाही का आश्वासन दिया है। कानूनी मामले में समझ रखने वालों की माने तो इस तरह के हिंसा मामले में किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act) के तहत प्राचार्य शिव कुमार तिवारी पर मामला दर्ज होना चाहिए। यही नहीं विभाग के अधिकारियों को प्राचार्य तिवारी को निलंबित कर जांच करनी चाहिए, जिससे कि मामले में लीपापोती न हो सके, और पीड़ित छात्र सहित अन्य छात्र भयमुक्त घटना बता सकें।
इनका कहना है :-
मामला मेरे संज्ञान में आया है, मैंने बीईओ को जांच के लिए निर्देशित किया है। बिल्कुल भी इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी, दोनों पक्षों को सुनकर उचित कार्यवाही की जाएगी। – आनंद राय सिन्हा, सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग शहडोल