सीधी। सीधी में इन दिनों गुंडे बेलगाम हो चुके है। जिले आये दिन हो रहीं बड़ी वारदातें इसका सबसे बड़ा प्रमाण हैं। अपराध और गुंडों पर शिकंजा कसने के बजाय पुलिस न केवल मूकदर्शक बनी है बल्कि उसकी लचर कार्यशैली ऐसे अपराधियों को शह दे रही है।
सीधी में तलवारबाजी जैसी घटनाएं अब आम हो गईं है। स्थानीय पुलिस अपराध पर लगाम लगाने के बजाय उनके काले कारनामों पर लीपापोती में जुटी रहती है, जिससे अपराधियों के हौसले और बुलन्द हो रहे हैं। शनिवार को सीधी कोतवाली अंतर्गत पडैनिया गांव में दोपहर के समय स्थानीय निवासी अजय मिश्रा अपनी बेटी को ज्योत्सना स्कूल से छुट्टी के बाद स्कूटी से लेकर घर लौट रहे थे। रास्ते में दर्जनभर से ज्यादा गुंडे तलवार और लाठी डंडे लेकर घात लगाए बैठे थे। अजय मिश्रा को देखते ही इन गुंडों ने तलवार और डंडों से हमला बोल दिया। इस बीच उनकी बेटी किसी तरह चंगुल से बचकर निकली और परिजनों को घटना के बारे में जानकारी दी। वारदात स्थल पर जब परिजन पहुंचे तो अजय मिश्रा गम्भीर रूप घायल पड़े थे।
परिजनों से उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनकी गम्भीर स्थिति को देखते हुए रीवा के लिए रेफर कर दिया गया। अजय मिश्रा को गम्भीर रूप से चोट आई है उनका दायां हाथ कंधे से टूट गया है, सिर की 2 हड्डियां टूट गयी हैं दांया पैर टूट गया है। उन्हें गर्दन में तलवार वार किया गया है।
बीजेपी नेता के इशारे पर वारदात
स्थानीय बड़े बीजेपी नेता के इशारे पर हुई वारदात
परिजनों ने इस हमले के पीछे बीजेपी के स्थानीय बड़े नेता पर आरोप लगाया है। परिजनों ने बताया कि बीजेपी का यह बड़ा नेता अजय मिश्रा से व्यक्तिगत रंजिश रखता था उसी के इशारे पर यह हमला किया गया। हमलावर ज्यादातर इसी बीजेपी नेता के करीबी है। परिजनों ने बताया कि बीजेपी का यह बड़ा नेता मामले को शांत करने के लिए अधिकारियों पर दवाब बना रहा है।
अपराधियों को पुलिस की शह
परिजनों ने बताया कि जब वे घटना की बारे में रिपोर्ट दर्ज कराने गए तो पहले पुलिस टालमटोल करती रही। जब परिजनों ने शिकायत की तो पुलिस अधिकारी के निर्देश पर महिलाओं को थाने से बाहर करवा दिया। बाद में पुलिस ने मामले को बढ़ता देख सामान्य धाराओं ने मामला दर्ज किया।
वाह सीधी पुलिस, मामला गम्भीर धाराएं सामान्य
सीधी पुलिस की कार्यशैली भी अजीब है। अजय मिश्रा पर हुए हमले के बाद उनकी गम्भीर स्थिति को देखते हुए रीवा रेफर कर दिया गया। कोतवाली सीधी ने पहले तो एफआरआई दर्ज करने में जानबूझकर बिलंब किया, सिर की हड्डी टूट जाने से गभीर रूप से घायल होने के बावजूद पुलिस ने सामान्य धारा में मामला पंजीबद्ध किय। कोतवाली पुलिस की कार्यशैली को देखकर यही लगता है कि वह जानबूझकर आरोपियों का बचाव कर रही है।