नेशनल फ्रंटियर, उमरिया। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के खेतौली वन परिक्षेत्र अंतर्गत पोखरी नामक हार में युवक द्वारा आग लगाने पर जिला सत्र न्यायालय के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा आरोपी को तीन वर्ष की सजा के साथ दस हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई। उमरिया न्यायालय मीडिया प्रभारी (अभियोजन) नीरज पाण्डेय द्वारा बताया गया, कि अभियुक्त रामनारायण वन परिक्षेत्र खितौली के पोखरी नामक हार में आग लगा रहा था, जिसे संरक्षित वन में अन्य स्थान पर लगी आग को नियंत्रण करके रन्छा बीट के बीटगार्ड मुन्नालाल बैगा व अन्य वन श्रमिक लौटते समय देखे और बीटगार्ड मुन्नालाल द्वारा पकड़ने का प्रयास किया गया, तो अभियुक्त वन अमले को देखकर भागने लगा। लेकिन वन अमले द्वारा घेराबन्दी कर आरोपी को पकड़ा गया, तो अभियुक्त हल्ला करने लगा। उक्त चीख को सुनकर अभियुक्त राम नारायण का छोटा भाई राजू यादव अपने घर से बांस का डण्डा लेकर आया और बीटगार्ड मुन्नालाल को सीने में डण्डे से मार दिया। उक्त घटना 11 अप्रैल 2010 की है, जहां घटना की सूचना वन परिक्षेत्र खितौली में दी गई, सूचना पाकर वन अधिकारी सहित अमला मौके पर पहुंचे। आरोपी राम नारायण द्वारा लगाई गई आग से संरक्षित वन प्रभावित हुआ, जिससे छोटे-छोटे जीव-जंतु कीट-पतंगे पुन: उत्पादित हुये पौधे वन सम्पतियां व अन्य वन्य प्राणियों का निवास स्थल जलकर नष्ट हुआ। पूछताछ करने पर आरोपी ने संरक्षित वन में आग लगाना स्वीकार किया। जिस पर आरोपी के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध कर विवेचित प्रकरण न्यायालय में पेश किया गया, जिसे लेकर राज्य की ओर से मामले में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी नीरज पाण्डेय द्वारा पैरवी करते हुए सख्त सजा देने का आग्रह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से किया गया, जिस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रामप्रकाश अहिरवार द्वारा आरोपी रामनारायण यादव को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 30 व सहपठित धारा 51 के तहत तीन वर्ष का कठोर कारावास सहित दस हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।