विकाश शुक्ला/उमरिया। समाज ने किसानो को अन्नदाता का दर्जा ऐसे ही नही दिया। अन्नदाता पृथ्वी मे रहने वाले सभी लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करते है, लेकिन उमरिया जिले में किसानों की दुर्दशा की सबसे बड़ी वजह निरंकुश अधिकारी हैं। ऐसे अधिकारियों के उदासीनता का सबसे बड़ा प्रमाण यही है, कि जहां तीन माह से जले एक ट्रांसफार्मर को बदलवाने के लिए अन्नदाताओं को जिले में हाड़ कंपा देने वाली ठण्ड में अपना मकान छोड़कर खुले आसमां में रात बिताने की नौबत आ गई। यही नहीं खुले आसमाँ के नीचे भूख मिटाने किसानों ने रोटी भी पकाई और उसे खाकर यहीं रात भी गुजारेंगे। लेकिन शायद उन्हीं किसानों के उगाए फसल से जिन अधिकारियों का पेट भरता है, उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। किसानों ने कई हजार रूपये के खाद और बीज ले रखा है, लेकिन सही समय मे बिजली न मिलने के कारण खेतों में पानी नहीं पहुंच सका, और इस वजह से गेहूं की फसल की खेती में देरी है।
बिजली समस्या से गुजर रहे अन्नदाता :
उमरिया जिले के मानपुर जनपद अंतर्गत आने वाले कोटरी गांव में तक़रीबन 3 माह से ट्रांसफार्मर जला है, जिसे बदलवाने के लिए गांव से लगभग 15 किसानों का जत्था उमरिया विद्युत कार्यालय में आज शाम से डेरा जमाए हुए है।
पीड़ित किसान मेघराज सिंह का कहना है कि उनके द्वारा कई बार चक्कर काटा गया, बावजूद ट्रांसफार्मर नहीं बदला। कड़ाके की ठण्ड में धरने पर बैठे किसान ने कहा कि जबकि पचासों हजार रुपये का खाद उधार लेकर महज पानी के आस में खेती का समय बीत गया और गेहूं की बुवाई नहीं हो पाई, जबकि कर्जदार जरूर हो गए। भूख से मरने की बजाय ठण्ड में मरना ज़्यादा ठीक रहेगा।
वहीं पीड़ित किसान रामचरण ने कहा कि हमारी सुनने वाला कोई नहीं है, दो रोटी खाकर आग के सहारे बैठे हैं। वहीं कक्षा 12 वीं में पढ़ने वाले छात्र अंकित ने कहा कि बिजली की समस्या के वजह से पढ़ाई भी चौपट है, आज तीन माह से ट्रांसफार्मर जला है और अधिकारी उसे नहीं बदल रहे हैं।
अधिकारी कर रहे अपना बचाव..!:
बता दें प्रदेश के सबसे ठण्ड वाला जिला उमरिया है, जहां बीते दिन न्यूनतम तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। बह रही ठण्ड हवाओं के कारण अधिकारी सहित सक्षम लोग बंद कमरे में जहाँ हीटर के सहारे ठण्ड काट रहे हैं, वहीं जिले के अन्नदाता खुले आसमां में रात बिताने मजबूर हैं, कि उनके गांव का ट्रांसफार्मर बदला जा सके। लिहाजा एमपीईबी के एई शिशिर प्रताप सिंह ने कहा की कई बार ट्रांसफार्मर बदल चुके हैं, अत्याधिक लोड के कारण बार बार फैल हो रहा है, जिसे जल्द ही दो ट्रांसफार्मर एक साथ बदल दिया जाएगा, ताकि जो ट्रांसफार्मर है, वह फैल न हो और किसान को समस्या न हो। अलबत्ता जिस तरह से अधिकारी जवाब दे रहे हैं, उससे अंदेशा जताया जा सकता है कि इनकी कार्यप्रणाली कितनी तेज है, क्योंकि अधिकारी के बताए अनुसार किसानों को सोमवार तक का इंतजार करना पड़ेगा। ऐसे में य तो किसान ठण्ड की हर रात सोमवार तक यहीं गुजारें, य फिर भगवान भरोसे वापस अपने घर चले जाएं।