सुभाष कुमार पाण्डेय (गुरू भाई)
चुरहट।
चुरहट थानांतर्गत ग्राम बड़खरा 740 की महिला सरपंच के पति पर दबंगों द्वारा जानलेवा हमला किया गया है। मामला दिनांक 03 नवंबर 2021 का है। महिला सरपंच के मुताबिक देर रात लगभग 09:30 बजे सरपंच के पति को कुछ लोग घसीटते हुए अंदर ले गए और सामूहिक रूप से पिटाई कर दी, जिससे कि सरपंच के पति की हालत नाजुक बनी हुई है।
महिला सरपंच का कहना है कि नल जल योजना के तहत शासकीय भूमि में हैंडपंप का निर्माण कराया जाना था जहां बोरवेल मशीन आई हुई थी। परंतु! दबंगों की जिद थी की हैंडपंप का निर्माण उनकी बाउंड्री वाल कराया जाए। लेकिन जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए हमने शासकीय भूमि पर ही शासकीय हैंडपंप बनवाने का निश्चय किया जिस पर हमारे पति को उन लोगों के द्वारा कहा गया कि यहां पर आओ बताते हैं कहां करना है और जब हमारे पति उनके समीप गए तो उनके द्वारा घसीटते हुए उन्हें अंदर ले जाया गया जहां उन्हें इतना मारा गया कि वह बेहोश हो गए।
महिला सरपंच ने बताया कि सुखेंद्र पाल, सुदर्शनपाल, कृष्ण कुमार पाण्डेय, सुषमा पाण्डेय व रजनीश शुक्ला ने मिलकर सामूहिक रूप से मेरे पति को अकेला पाकर जान से मारने का प्रयास किया है।
महिला सरपंच के पति की हालत नाजुक बनी हुई है तथा वह ना तो कुछ खाने पीने के लायक है और ना ही बोल सकता है। साथ ही महिला सरपंच ने आरोप लगाया है कि पुलिस द्वारा उसकी एफ आई आर 3 नवंबर 2021 की देर रात्रि 10:30 बजे के लगभग चुरहट थाने आने पर नहीं लिखी गई।और जब ग्रामीणों तथा परिजनों के द्वारा दिनांक 5 नवंबर 2021 को चुरहट थाने का घेराव किया गया, तब जाकर चुरहट थाने में आरोपियों के विरुद्ध शिकायत दर्ज की गई।
महिला सरपंच के मुताबिक वह अपने पति का इलाज कराने चुरहट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आई जहां से उसके पति को सीधी के लिए रेफर कर दिया गया। एवं सीधी से रीवा के लिए रेफर किया गया जहां पर डॉक्टरों द्वारा हमारे पति का इलाज नहीं किया गया एवं घर भेज दिया गया है।
चुरहट थाना प्रभारी उप निरीक्षक पवन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया की मारपीट की घटना दिनांक 3 नवंबर 2021 की है यहां पर पीड़ित की हालत नाजुक होने पर हमारा पहला दायित्व था पीड़ित की जान बचाने है तो उसे हॉस्पिटल भेजना जिसके लिए हमने उन सब को हॉस्पिटल भेजा तब परिजन तथा ग्रामीण उसे लेकर हॉस्पिटल चले गए एवं वहां से वापस आने के बाद उनके द्वारा से सीधा थाने का घेराव ही कर दिया गया। जबकि हमारे द्वारा मुझे आश्वासन दिया गया था की उपचार के उपरांत आकर एफ आई आर दर्ज करवा सकते हैं परंतु पहली प्राथमिकता पीड़ित की जान बचाना है।