आनंद अकेला की रिपोर्ट
भोपाल। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को लेकर शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया है। जिसके बाद मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग अब एक होंगे। वहीं अधिकारियों की माने तो इसकी सहमति स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग दोनों ने दे दी है।
दरअसल लंबे समय से दोनों विभागों को एक करने कि प्रदेश सरकार द्वारा कोशिश जारी थी। वही पिछली बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने भी कहा था कि प्रदेश में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए मंत्री समूह बनाए जाएंगे। जिसके द्वारा दोनों विभागों की कार्य योजना और स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के लिए निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद शिवराज सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य-चिकित्सा शिक्षा विभाग को एक करने का फैसला किया है। इस विभाग के मंत्री भी एक ही होंगे। हालाकि इन विभागों के आयुक्त अलग-अलग नियुक्त किए जाएंगे।
इस मामले में मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत के तहत दोनों विभागों को एक किया जा रहा है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा काम किया जा रहा है। वहीं प्रदेश में इन दोनों विभागों के एक हो जाने पर ऐसे कई फायदे नजर आएंगे।
बता दें कि दोनों विभागों के एक होने से मरीजों को भोजन के लिए राशि अलग-अलग देने की दिक्कतों से छुटकारा मिल जाएगा। इसके अलावा सभी स्वास्थ्य कर्मी का वेतन एक ही विभाग द्वारा जारी किया जा सकेगा। वहीं रेफरल व्यवस्था और बेहतर हो सकेगी। इसके अलावा जिला अस्पतालों में नहीं होने वाले जांच मेडिकल कॉलेज में कराए जा सकेंगे।
गौरतलब हो कि भारत सरकार में चिकित्सा शिक्षा भी स्वास्थ्य मंत्रालय के अंदर ही आती है। इसके अलावा भारत के कई राज्यों में दोनों विभाग एक ही है। जिनमें महिला बाल विकास को भी शामिल किया गया है। ऐसे में अब मध्य प्रदेश सरकार भी दोनों विभागों को एक करने जा रही है। दोनों विभागों को एक दूसरे में विलय होना आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था के हित में बड़ा कदम होगा।
खबर इनपुट एजेंसी से