बरसात जैसी होनी चाहिए थी वैसी हुयी हो या नहीं किन्तु सड़कों का हाल बिगड़ गया है सीधी बयपास में जगह जगह जल भराव की स्थिति बन जाती है मड़रिया बायपास चौराहा में मझौली की तरफ जाने वाली रोड में दो फिट से ज्यादा का गढ्ढा बन गया है। इस रोड में टिकरी तक कई जगह सड़क उखड गयी है तो कई जगह ऐसे गढ्ढे बन गए हैं जो कभी भी बड़े हादसे को निमंत्रण दे सकते हैं।
पड़रा बायपास की लिंक रोड में चलना दूभर है इस मार्ग में निगरी प्लांट से आने वाले भरी वाहनों तथा कई रेट की खदान होने से रेता का परिवहन करने वाले वाहनों का आना जाना लगा रहता है।
इस पर कभी भी हादसे होने का अंदेशा बना रहता है जिसमे ये गढ्ढे आग में घी जैसा काम करने वाले साबित हो रहे हैं । पिछले वर्ष सीधी टिकरी मार्ग का मरम्मतीकरण किया गया था किन्तु पुनः एक बार यह मार्ग गढ्ढों में तब्दील होता नजर आ रहा है।
पड़रा से जमोड़ी लिंक रोड जो बायपास के दोनों तरफ बनायीं गयी है उसमे जलभराव बना हुआ है इस तरफ प्रशासन और सड़क निर्माण कंपनी का ध्यान किसी हादसे के बाद जायेगा ऐसा प्रतीत होता है। मोहनिया में सुरंग का निर्माण तो पूर्ण हो गया किन्तु सीधी रीवा मार्ग में कंक्रीट की सड़क में कई जानलेवा गढ्ढे बन गए हैं इस तरफ भी निर्माण कंपनी का ध्यान होना चाहिए। किन्तु जब प्रशासन ही सोया हो तो इन बड़ी कंपनियों से क्या उम्मीद की जा सकती है।
जब सैया भये कोतवाल तो डर काहे का वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।