आनंद अकेला की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
सीधी। सीधी बस हादसे में मृतक दो और लाशे रेस्क्यू टीम को मिली है। दोनों शवों के चेहरे को मछलियों ने नोच डाला था। परिजनों ने शवों की शिनाख्त कर ली है। अभी एक शव की तलाश जारी है। दो और शव मिलने के बाद हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है।
सीधी बस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है। एक युवक अब भी लापता हैं। 96 घंटे बाद शुक्रवार सुबह रमेश विश्वकर्मा (25) और योगेंद्र शर्मा (28) का शव मिला। नहर में बाणसागर बांध से पानी छोड़ा गया। पानी के प्रेशर से लाश बहकर टनल से निकली। दोनों लाशें छुहिया पहाड़ी की टनल के दूसरी ओर गोविंदगढ़ में करीब डेढ़ किमी मीटर के दायरे में मिलीं।
दोनों के शव बुरी तरह फूले हुए थे और चेहरे को मछलियां खा गई थीं। पहचानना मुश्किल हो रहा था। हालांकि, परिजन ने शव की पहचान कर ली। एनडीआरएफ और एसडीआऱएफ की संयुक्त टीम सिलपरा और टीकर के पास लापता युवक की तलाश कर रही हैं।
सीधी जिला प्रशासन ने शुक्रवार को बाणसागर डैम से नहर में पानी छोड़ने का निर्णय लिया। इसके बाद फुल प्रेशर से पानी छोड़ा गया। तीन स्थानों टीकर, सिलपरा और टनल के पास रेस्क्यू टीम तैनात थी। चार किमी लंबी टनल में फुल प्रेशर से पानी पहुंचा तो दो लाशें टीकर नहर में टनल से डेढ़ किलोमीटर दूर बहकर आ गईं।
जिसमें एक की पहचना परिजनों ने रमेश के शव की पहचान की। मूलत: बिहार निवासी रमेश के पिता राजेंद्र सीधी में पीडब्ल्यूडी विभाग में नौकरी करते हैं। उनका परिवार सीधी में नूतन कॉलोनी में रहता है।
जबकि दूसरा शव सीधी के पिपरोहर में रहने वाले योगेंद्र उर्फ विकास शर्मा का है। वो एचडीएफसी बैंक में जॉब करते थे। मंगलवार को बैंक के ही काम से सतना जा रहे थे। पिता सुरेश कुमार ने बताया था कि मंगलवार सुबह नौ बजे हादसे की सूचना मिली थी। तब से परिवार योगेंद्र के मिलने की उम्मीद में सीधी से रीवा जिले की सीमा में नहर किनारे भटक रहा था।
अब भी लापता हैं अरविंद विश्वकर्मा
कुकरीझर निवासी अरविंद विश्वकर्मा (20) के पिता विश्वनाथ के मुताबिक बेटा अपनी बुआ की बेटी बोदरहवा सिहावल निवासी यशोदा विश्वकर्मा (24) को एएनएम की परीक्षा दिलाने निकला था। हादसे में यशोदा की मौत हो गई। उसका शव मंगलवार को ही मिल गया था। लेकिन अरविंद की तलाश में परिजन बेहाल हैं।