नेशनल फ्रंटियर ब्यूरो/उमरिया।
बांधवगढ टाईगर रिजर्व में बिगत कुछ दिनों पहले आग ने कहर ढाया था, जिसके चपेट में कई छोटे जीव जंतु और पौधे आ गए थे। इससे कई वन्यजीवों को अपने आराम दायक क्षेत्र को छोड दूसरे क्षेत्रों में पलायन करना पडा था जिससे की वे आग की लपटों का शिकार न बन सकें। वहीं जिस तरह से आग की चपेट में लगभग तीन दिन बांधवगढ धधका उस आग की चिंगारी की शुरूआत का ठीकरा वनमंत्री ने प्रेस काॅन्फ्रेंस के दौरान मीडिया कर्मियों से मुखातिब होते हुए इशारे ही इशारे में ग्रामीणों की ओर कर दिया। यहीं नहीं लगभग 72 घंटे से ज्यादा जिस तरह आग ने बीटीआर के जंगल में अंदर ताण्डव किया उसे मंत्री जी ने सामान्य कहकर ये जताने की कोशिशें की मानो कुछ हुआ ही नहीं। बीते दिनों हुई आगजनी की घटना को लेकर शुक्रवार की रात्रि जायजा लेने पहुंचे वनमंत्री विजय शाह ने रात्रि विश्राम कर शनिवार को सुबह लगभग 5ः00 बजे हाॅट बैलून से खाक हुए जंगल का निरिक्षण किया और 11ःबजे प्रेस वार्ता कर मीडिया कर्मियों को नुकसान की जानकारी दी। लेकिन मंत्री श्री शाह ने साथ ही साथ यह भी कह दिया की वे नुकसान का आंकलन नहीं कर सकते अभी सीख रहे हैं।
यह है मामला :-
विदित हो कि बीटीआर में तीन दिन तक जिस आग ने ताण्डव किया, उसमें कई छोटे जीव जंतु के साथ कई विशालकाय पौधे नष्ट हुए। सूत्रों की माने तो जिस तरह आग ने कहर बरसाया उसकी शुरूआत होलिका दहन के दिन टाइगर रिजर्व के संरक्षित क्षेत्र खितौली जोन से आग भडकते हुए, मगधी जोन (कोर) के कुछ अंश भाग को चपेट में लेते हुए, धमोखर रेंज के बफर जोन से कोर क्षेत्र ताला को आग ने चपेट में लिया। यहीं नहीं लगभग 24 घंटे तक किसी अधिकारी को यह तक नहीं मालूम पडा कि जंगल में आग लगी है। जैसे ही आग दिन दुगनी रात चैगुनी भडकते हुए जंगल का विनाश करने की ओर बढी उससे उठ रहे धुंए और कोर क्षेत्र के बसाहट वाले ग्रामीणों के जानकारी के बाद से प्रशासन हरकत में आया।
वनमंत्री ने यह दिया जवाब :-
प्रदेश में शिव सरकार बनने के बाद से वनमंत्री के बागडोर संभालने के बाद विजय शाह 6 बार बांधवगढ की यात्रा कर चुके हैं। राख से जंगल के खाक होने का कारण तलाशने पहुंचे वनमंत्री विजय शाह ने शुक्रवार की रात्रि पहुंचने के बाद विश्राम कर शनिवार को सुबह लगभग 5ः00 बजे हाॅट बैलून से सैर पर निकल पडे जिसके पश्चात उमरिया कलेक्ट्रेट सभागार में 11ः00 बजे प्रेस वार्ता कर पहले तो जंगल के विनाश होने का आंकलन नहीं कर पाने का जवाब दिया लेकिन बाद में डैमेज कंट्रोल करते हुए वनमंत्री श्री शाह ने कहा कि जो आग बांधवगढ में लगी है उस पर प्रथम दृष्टया समान्य होना प्रतीत होता है जिसमें जंगल का एक प्रतिशत नुकसान हुआ है, इसमें कोई जीव जंतु आग की चपेट में नहीं आए हैं। वहीं आग का विकराल रूप लेने के कारण पर वनमंत्री ने अपने विभाग के नुमांइदो को दोषी न मानते हुए आग का ठीकरा इशारे-इशारे में टाईगर रिजर्व के अंदर ग्रामों के लोगों पर फोड दिया।
बाघिन का शव हुआ बरामद :-
वनमंत्री के अनुसार बांधवगढ में हुई आग त्रासदी में किसी वन्य जीवो के मरने की पुष्टि नहीं हुई, जबकि मंग्धी (कोर) क्षेत्र के रोहनिया बीट में एक बाघिन का शव सडे गले अवस्था में बरामद हुआ था, जिस पर वनमंत्री ने जवाब दिया कि बाघों के संख्या में इजाफा होने के कारण आपसी संघर्ष में बाघिन की जान गई है। लेकिन सूत्रों की माने तो आग लगने के कारण दम घुटने से बाघिन की मौत का अंदेशा जताया जा रहा है। वैसे भी पहले कई मौत को लेकर पार्क प्रबंधन ने कई बार जानकारी छुपाई जिस पर पर्दा डालने का काम वनमंत्री ने भी किया। इस बार भी आगजनी की घटना से लेकर बाघिन की मौत तक में जवाब पलडा झाडने वाला ही दिया गया।
शिफ्टिंग पर हो रहा विचार :-
वनमंत्री ने कहा कि आग बुझाने के लिए विदेशों जैसे सुविधा प्लेन से पानी लाकर जंगल में आग बुझाने को लेकर प्लान किया जा रहा है। वहीं जिस तरह से जंगल का दायरा बाघों के बढती आबादी में कम पड रहा है उसमें बाघों को दूसरी ओर सिफ्ट करने पर विचार किया जा रहा है साथ ही साथ जंगलों के अंदर बसे गांवों को भी खाली कराने का विचार कर रहे हैं।
आग भड़कने की होगी जांच :-
बांधवगढ में जिस तरह आग ने संरक्षित और कोर क्षेत्रों पर कहर ढहाया है उसे लेकर वनमंत्री ने कहा है कि आगजनी के घटना की संपूर्ण रूप से जांच जिला कलेक्टर व वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित होकर करेंगे।