विकाश शुक्ला/उमरिया। सुदूर अंचलों से आने वाले नागरिकों की सहायता के दृष्टि से उमरिया पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा ने एक नई पहल की शुरुआत जिले में की है, जिसमें महिलाओं और बुजुर्गों को राहत देने और न्याय देने को लेकर ऑनलाइन सुनवाई का तरीका निकालते हुए, दो हेल्प लाइन नंबर जारी करते हुए थाना प्रभारियों को आदेशित किया है, की वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी सुनवाई करें। पुलिस अधीक्षक सिन्हा ने कहा कि प्रायः देखने में आता है, कि दूर-दराज के गावों में निवासरत सीधे-सादे व्यक्ति खासतौर पर महिलाएं एवं बुजुर्ग अपनी शिकायत लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय नहीं पहुंच पाते हैं। दूर दराज से आने में उन्हें शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, साथ ही उचित स्थान पर अपनी शिकायत न पहुंचा पाने के कारण उन्हें न्याय नहीं मिल पाता है। इससे आपराधिक व आसामाजिक तत्वों को और अधिक बल मिलता है। इसके अतिरिक्त यदि कोई महिला व बुजुर्ग द्वारा थाने या पुलिस के अन्य कार्यालय में शिकायत करने पर उनकी शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई उन्हें ज्ञात नहीं हो पाता है, इन्हीं समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुये वीडियो कॉल पर जनसुनवाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिसमें सीधे पुलिस अधीक्षक जिला उमरिया से बात कर शिकायत किया जा सकता है, जिसका निराकरण पश्चात उन्हें घर बैठे निराकरण की जानकारी भी प्राप्त हो सकेगी।
इस तरह से होगा जुड़ाव :
बताया गया कि फरियादी प्रत्येक शुक्रवार को समय 12:00 बजे से 01:30 बजे तक मोबाईल नम्बर 6264057050 पर व्हॉट्स एप्प एवं टेलीग्राम पर वीडियो कॉल के माध्यम से सीधे पुलिस अधीक्षक जिला उमरिया से बातचीत कर अपनी शिकायत बता सकते हैं। वहीं फरियादी मो0न0 6264057050 पर अपनी शिकायतें व्हॉट्सएप्प / टेलीग्राम के माध्यम से प्रेषित कर सकते हैं। यदि थाने/चौकी में दी गई शिकायत पर कोई कार्यवाही न होने पर दिये गये समय एवं मोबाईल नम्बर पर फ़रियादी सीधे वीडियो कॉल पर पुलिस अधीक्षक जिला उमरिया से बातचीत कर अपनी समस्या बता सकते हैं।
बेस्ट पुलिसिंग की ओर एक कदम :
पुलिस अधीक्षक के इस पहल से वास्तविक तौर पर सुदुर क्षेत्रों के लोगों का समय रहते जुड़ाव और निराकरण की उम्मीद लगाई जा रही है, वहीं यह पुलिस और जनता के बीच संवाद का डिजिटल माध्यम से अच्छा जरिया है, लेकिन यदि इस माध्यम का जिस उद्देश्य से शुरुआत किया जा रहा है, जब उन्हें असल मायने में न्याय मिले तो यह पहल मील का पत्थर साबित होगा। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आवेदकगण अनावश्यक या असत्य शिकायतें करने से भी बचें, क्योंकि भ्रामक और असत्य शिकायतों के कारण वास्तविक रूप से पीड़ित फरियादी को अपनी बात रखने का समय नहीं मिल पाता है। वहीं निर्धारित समय का विशेष ध्यान देने की अपील की।