नेशनल फ्रंटियर ब्यूरो
उमरिया। प्रदेश में काबिज भाजपा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह भले ही माफियाओं को 10 फिट नीचे न गड़ा पाए हों, लेकिन जिले की सीमा और कटनी जिले से लगे जाजागढ़ वन क्षेत्र से प्रवाहित होने वाली पिपही नदी में कटनी जिले की सभी रेत खदानों का ठेका लेने वाली कंपनी विस्टा सेल्स एण्ड प्राइवेट लिमिटेड ने नियम और कायदों को पोकलेन मशीन से 10 फिट नीचे गाड़ने का काम कर दिया है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में उत्खनन कंपनी के कारनामों ने वन्यजीवों सहित उनके अस्तित्व को खतरे में तो डाल ही दिया है इसके साथ ही बफर जोन से निकलने वाली पिपही नदी में रेत ठेका कंपनी के द्वारा नदी में मशीन उतारकर उत्खनन से नदी की धार टूट रही है और जलीय जीवों को नुकसान हो रहा है। वहीं जंगल के बीच से भारी वाहनों के धमाचौकड़ी से जहां वन्यजीवों के दुर्घटना का शिकार होने की संभावनाएं बढ़ गई है। वहीं इनके विचरण क्षेत्र में खलल होने के कारण वन्यजीवों का वहां से पलायन हो रहा है, जबकि इससे वन्यजीवों के स्वतंत्र विचरण में भी खलबलाहट है। जितनी जिम्मेदार कंपनी है, उतना ही दोनों ही जिले के जिम्मेदार अधिकारी भी हैं, क्योंकि जिस प्रकार से अवैध उत्खनन का खेल-खेला गया, उससे पर्यावरण तो, नष्ट हुआ ही, नदी की भौगोलिक स्थिति से भी छेड़छाड़ की गई।
वन्यजीवों के आराम दायक क्षेत्र में खंजर :
बफर जोन में बाघ से लेकर प्रत्येक वन्यजीवों सहित कई प्रकार के जल जीवों का भी आरामदायक क्षेत्र माना जाता है, लेकिन कटनी जिले में रेत का ठेका लेने वाली कंपनी रेत के उत्खनन और परिवहन के लिए विशालकाय पोकलेन मशीन को नदी में उतारकर रेत की निकासी करा रही है और परिवहन के लिए बड़े वाहनों को रैम्प बनाकर नदी के भीतर उतारकर रेत लोडिंग का काम किया जा रहा है, जिससे उस क्षेत्र से वन्यजीवों का पलायन तो हुआ उनका जीवन भी संकट से घिरा हुआ है, जबकि ठेका कम्पनी द्वारा इस कारोबार में वन क्षेत्र से होकर गुजरने वाली पिपही नदी के सीने को चीरने का काम किया जा रहा है, किन्तु सबंधित क्षेत्र के तहसील से लेकर जिले और संभाग में बैठे अधिकारियों ने इस मामले में आंख मूंद ली है।
कर दिया गया सौदा :
जाजागढ़ में पिपही नदी पर रेत उत्खनन के कारोबार के लिए सैकड़ा भर से अधिक वाहन हर समय पहुंचते हैं, कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि जाजागढ़ रेत की मंडी में शुमार हो चुका है। ठेकेदार मोटी रकम लेने के बाद बड़े वाहनों में पोकलेन मशीन के माध्यम से रेत का उत्खनन और परिवहन करवा रहा है। महज कुछ ही दूरी पर स्थित वन पुलिस और राजस्व महकमें के अधिकारी खामोश हैं। खनिज विभाग और उसमें बैठे खनिज अधिकारी ने ठेकेदार को कारोबार करने के लिए पिपही सहित जिले की नदियां बेच दी हैं।
उत्खनन के लिए प्रतिबंधित :
खबर है कि उक्त ठेका कम्पनी द्वारा जहां से रेत निकासी की जा रही है, दरअसल वह क्षेत्र बीटीआर के क्षेत्र में सेंसटिव जोन के दायरे में आता है, लेकिन दो जिले कटनी-उमरिया के बॉर्डर में होने के कारण अधिकारी कार्यवाही करना मुनासिब नहीं समझ पा रहे हैं और आंख मूंदकर ठेकेदार को सीना छलनी करने के लिए नदी को बेच दिया जिससे रेत ठेकेदार का चोला पहनकर माफिया प्रतिबंधित क्षेत्र से रेत उत्खनन कर वहां की फिजा बिगाड़ने में तुले हैं।