नेशनल फ्रंटियर, उमरिया। जिले में हो रहे नगरी निकाय चुनाव में कई नेताओं के बगावत पर उतर जाने से भाजपा का सारा चुनावी गणित बिगड़ गया है। यही नहीं पार्टी के समर्थक भी बंट गए हैं। जबकि भाजपा में बगावत से कांग्रेस की बांछें खिली हुई हैं। उमरिया नगर पालिका के वार्ड 16 में से टिकट कटने के बाद से चुनावी मैदान में उतरने के बाद भाजपा की सीधी टक्कर रश्मि द्विवेदी से ही हो रही है, जबकि दूसरे स्थान पर निर्दलीय प्रतिद्वंद्वी को अच्छे खासे जनमत मिलने की चर्चा बाबा फूल सिंह वार्ड के गली कूचे में चल रही है। भीड़ एकजुट करके भले ही भगवाधारी नेता जनता को मनाने में जुटे हों, वार्ड 16 से भाजपा प्रत्याशी की चुनावी डगर आसान नहीं है। अनुशासन और एकता का दम भरने वाली सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी भाजपा के कार्यकर्ता पार्टी से अलग थलग होकर भी प्रचार कर रहे हैं। वार्ड 16 में से गुप्त सूत्रों के माध्यम से जो जानकारी सामने आ रही है, वे भाजपा के लिए कुठाराघात से कम नहीं हैं, लेकिन भाजपा महामंत्री पर जिस तरह छल से टिकट का आरोप लगा उसी तरह वे जीत का भी भगवा सपना बुन चुके हैं। सूत्रों का दावा है, कि दिन के साये में जो कार्यकर्ता भीड़ का हिस्सा बन रहे हैं, उनमें से कुछ रात के अंधियारे में निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थन में मत जुटाने की कोशिशों में जुटे हैं। लोगों के पूंछने पर वे यह कहते भी नहीं चूक रहें हैं, कि जब महामंत्री छल कर सकते हैं, तो हम प्रचार तो कर ही सकते हैं। नाम न छापने की शर्त पर मतदाताओं ने अन्य कई चौंकाने वाले बातें भी रखीं, जिसमें दीपक का कमल मुर्झाता हुआ दिखाई दे रहा है।
बाहरी प्रत्याशी पर दांव पड़ रहा महंगा :
नेशनल फ्रंटियर द्वारा नगरीय निकाय के वार्डों में चुनावी मन टटोलने का प्रयास किया जा रहा है, इस पर दो चेहरे ही चुनावी आर-पार की टक्कर में दिखाई दे रहे हैं। बाकी प्रत्याशी बागी और निर्दलीय होने के साथ ही बाहरी प्रत्याशी का लेबल होने के कारण फिसड्डी साबित हो रहे हैं। ऐसे में पहले जनता का रुझान कांग्रेस प्रत्याशी फरीदा खान और निर्दलीय प्रत्याशी नीलम राजेश मिश्रा के बीच कड़ी टक्कर बता रही है। इसी क्रम में तीसरे कड़ी में चुनावी संघर्ष में जनमत समेटने में रश्मि द्विवेदी भी एंड़ी चोंटी लगा रही हैं। जबकि बतौर बाहरी प्रत्याशी के रूप में आकर वार्ड में भारी भीड़ का समर्थन जुटा कर जो दावे दीपक छत्तवानी और भाजपाई कर रहे हैं, वे धुंए में लाठी भांजने से कम नहीं दिख रहा है।
मतदाताओं के मन में नहीं चढ़ रहा भगवा..!
यूं तो इस वार्ड में भाजपा के समर्थकों का अच्छा खासा अनुपात है, लेकिन जब से टिकट कटने का खेला हुआ, तब से बागी को समर्थन अलग ही दिशा में दिख रहा है, जो कि कई वर्षों से पार्षद रही पार्टी की पूर्व महिला जिलाध्यक्ष के खाते में उन्हीं के पार्टी के मत का कटकर जुड़ना माना जा रहा है। ऐसे में भगवा का जो रंग है, वे फिलहाल वार्ड 16 के मतदाताओं के दिमाग में परिलक्षित नहीं हो रहा है। अतएव जो समीकरण दिख रहे हैं, उसमें तिकड़ी ही इर्द-गिर्द दिख रही है।
क्या कहते हैं आंकड़े :
फूल सिंह वार्ड 16 में 814 मतदाता हैं, जिनमें पिछली बार की अपेक्षा इस बार 75 से 80 प्रतिशत मतदान होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में 25 फीसदी मत कांग्रेस ने सुरक्षित कर लिए हैं। इसके बाद ही जीत के आंकड़ों का अनुमान लगया जा रहा है, लेकिन ऐसे में जो प्रत्याशी मत में 25 फीसदी के आंकड़ों को तोड़ते हुए शेष 55 फीसदी मत में से भी सेंधमारी कर सकेगा, वो पार्षद कुर्सी का हक़दार हो जाएगा। दरअसल भाजपा के ही मतों का विभाजन 3 अन्य निर्दलीय प्रत्याशी भी कर रहे हैं। जिसमें से एक तो रश्मि द्विवेदी हैं, जिनकी टिकट पर भाजपा प्रत्याशी चुनावी रण में अपनी किस्मत आजमां रही हैं। ऐसे में पार्टी का कई वर्षों से साथ देने वाली कार्यकर्ता को जिस तरह से दीपक के छल का घूंट पीना पड़ा उसकी सांत्वना भी मिल रही है।