सीधी
जिले भर में आज दोपहर अचानक झमाझम बारिश शुरू होते ही किसानों के चेहरे में खुशी देखी गयी। दो-तीन दिनों से ठंड मेंं बादलों के
कारण कमी देखी गयी थी जिसमे आज हुई बारिश ने सुहाना मौसम बना दिया,जिससे तापमान में अचानक से गिरावट आई है ,सुबह से ही बादल और सर्द हवाओं का सिलसिला जारी था जिससे बारिस के आसार नजर आ रहे थे और दोपहर लगभग एक बजे से कुछ जगहों पर हल्की कुछ जगहों पर तेज बारिश ने मौसम को हसीन बना दिया । एक समय तो ऐसा भी रहा जब दिन में अंधेरा से छा गया किन्तु कुछ ही समय मे यह मंजर बदलकर सुहाना और ठंड दायीं हो गया ।सड़कों में धुंध छाई रही।
अलाव का सहारा,किन्तु अलाव की व्यवस्था नही
आज की बारिश के बाद से मौसम में अचानक ठंडक बढ़ गई है जिसके चलते लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेते दिखे। जो व्यक्ति घर में थे वो तो पूरा दिन शरीर की ठंडक को दूर करने के लिए अलाव के सामने या हीटर से अपने शरीर को गर्म करते दिखे।
व्यवसाय के सिलसिले में जो व्यक्ति घर से बाहर रहे उन्हे ठंड बढऩे से अवश्य दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बारिश के चलते बाजारों में भी चहल-पहल कम रही। दोपहर बाद मौसम खुलने के बाद भी ज्यादातर लोग ठंड के चलते घर से बाहर निकलने बचते दिखायी दिए। उनके द्वारा घर में गरम कपड़ों का सहारा लेने के साथ ही टीबी के सामने बैठकर देश दुनिया की खबरें और प्रदेश के चुनाव की खबरों पर नजर टिकी रही।
बारिश के चलते बाजार में फुटपाथ व्यवसायियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
मौसम विभाग के अनुसार आगे के कुछ दिनों में हल्की बारिश का दौर चलता रहेगा, इसके बाद मौसम खुलने के बाद कड़ाके की ठंड पड़ेगी। ठंड बढऩे के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग अपना ज्यादातर समय आज घर में ही व्यतीत करते हुए दिखे।
बारिश के चलते किसानों के चेहरे खिले
किसानों का कहना है कि रबी की खेती के लिए आज हुई बारिश काफी फलदायी है। सभी फसलों को इससे लाभ मिलेगा।जिन किसानो ने अभी अभी बोवनी का कार्य किये हैं उनको नुकसान होने का भी भय सता रहा है। ऐसे लोगो का मानना है कि आगे तेज बारिश न हो जिससे बोई गई फसल को नुकसान न पहुंचे। फिर भी जो फसलें उग आई हैं उनको इस बारिश से काफी लाभ मिला है।
धान खरीदी केंद्रों लापरवाही के साथ ,अनैतिकता का दौर जारी
सीधी के अधिकांश धान खरीदी केंद्र में तिरपाल आदि की व्यवस्था ना किए जाने से किसानों की धान भींगने के नजारे देखे गए। इन खरीदी केंद्रों पर जिन किसानों की धान रखी गई है उनमें ऐसी लापरवाही के कारण चिंता का आलम है, तत्काल इन खरीदी गई धान के बोरों को तिरपाल आदि से ठककर व्यवस्थित नहीं किया जाता तो किसानों की रखी धान और भी खराब हो सकती है।
साथ ही इन खरीदी केंद्रों में जारी अनियमितता थमने का नाम नही ले रही है ,बाहर के किसानों की धान भी स्थानीय कह कर खरीदी जा रही है ।जिस पर लगाम लगाने की आवश्यकता है।