सीधी। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह कहा है कि सरकार शराब और डीजल पेट्रोल से भारी कमाई कर रही है। इन पर लगने वाले टैक्सों से किसानों और गरीब जनता की जेब कट रही है। लगातार बढ़ रही महंगाई से हर वर्ग हलाकान है। मध्यप्रदेश में इस साल शराब और पेट्रोल से सरकार ने लगभग 23 हजार करोड़ रुपए कमा लिए हैं। सरकार को चाहिए कि हजारों करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई समर्थन मूल्य पर 20 प्रतिशत सब्सिडी घोषित कर किसानों में बांटे।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने कहा कि दूसरी ओर सरकार के जिम्मेदार मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर हास्यास्पद बयान देकर जनता को साइकिल चलाने की सलाह दे रहे हैं। क्या साइकिल चलाने की उनकी सलाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवराजसिंह चौहान तथा उनके मंत्रिमंडल के लिए भी है? लगता है कि प्रद्युम्न सिंह भाजपा की रीति नीति में बहुत जल्दी रच बस गए हैं?
पूर्व नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि शिवराजसिंह दूसरे विकल्पों से आय बढ़ाने के कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं। पेट्रोल डीजल पर बढ़े हुये टैक्स से सरकार नुकसान की भरपाई कर रही है। वे एक ओर प्रदेश को मंदिर और जनता को भगवान कहते फिरते हैं, उन्हें घुटने टेक कर प्रणाम करते हैं, फिर अपने भगवान पर तरस खाकर पेट्रोल डीजल पर सेस और वेट कम क्यों नहीं करते हैं? सभी पड़ोसी प्रदेशों में टेक्स की दरें मध्यप्रदेश से काफी कम हैं। इसलिए वहाँ पेट्रोल डीजल मध्यप्रदेश से कम कीमत पर मिल रहा है, लेकिन मध्यप्रदेश में पेट्रोल सौ के पार पहुँच गया है।
अजयसिंह ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 63 डालर प्रति बैरल है तब भाजपा सरकार में पेट्रोल की कीमत सौ रुपए पार है। वहीं जब यूपीए कांग्रेस सरकार में क्रूड आइल 70 से लेकर 110 रुपए था तब पेट्रोल केवल 55 से 80 रुपए के बीच था। जाहिर है केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार जनता पर थोपा जा रहा टेक्स पेट्रोल डीजल को महंगा बना रहा है। तथाकथित राष्ट्रवादियों की सरकार में क्रूड आइल की कीमतें काफी कम होने के बावजूद भारतवासियों को कच्चे तेल की तुलना में डीजल पेट्रोल का चार- पाँच गुना भुगतान करना पड़ रहा है। सरकार ने इसे नकद कमाई का जरिया बना लिया है इसलिए वह पेट्रोल डीजल पर वेट और सेस कम नहीं कर रही है।
अजयसिंह ने कहा कि ऐसे समय में जब देश के किसान काले कृषि क़ानूनों को लेकर परेशान हैं, तीन महीने से लगातार आंदोलन कर रहे हैं, तब डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमतें उनकी कमर तोड़ देंगी। वे आत्महत्या को मजबूर हो जाएँगे। मध्यप्रदेश में तो बिजली की कीमतें भी बढ़ाने की तैयारी है। अब किसानों को बढ़ा हुआ बिजली का बिल आएगा। पहले बढ़ा हुआ बिल किसानों से वसूला जाएगा फिर सब्सिडी उनके खातों में डाली जाएगी, जबकि होना यह चाहिए कि पहले ही बिजली का बिल सब्सिडी घटाकर दिया जाना जाए ताकि शुरू में ही उनका आर्थिक बोझ कम हो सके। कुल मिलाकर भाजपा सरकार लगातार असंवेदनशील होती जा रही है।
साभारः पंकज सिंह