बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने उद्घाटन के उपरांत कहा था यह मॉडल अस्पताल कोशी का पीएमसीच कहलायेगा लगातार हो रही घटनाए मॉडल अस्पताल पर प्रश्न खड़ा करता है सहरसा को जहां स्वास्थ विभाग के कर्मी के लापरवाही की वजह से एक 4 साल के मासूम बच्चे की जान चली जाती है वही 65 वर्षीय बुजुर्ग की जान भी लापरवाही के कारण चली गई ऐसे कई मामले लगातार देखने को मिल रहा है फिर आप कैसे मान लेते है की सहरसा का सदर अस्पताल आधुनिक व्यवस्था के साथ आधुनिक कर्मी से सुसज्जित कि गई है l दो ताजा मामला आपको दिखाने का प्रयास करते हैं,जो इंसानियत को झंकझोर देने वाला है पहला मामला समाने आया है जिले के महिषी थाना अंन्तगत मगरौनी निवासी अजय चोपाल के 4 वर्षीय पुत्र का ईलाज के अभाव मे दम तोड़ देना वही दूसरा मामला सदर थाना क्षेत्र के एक 65 वर्षीय बुजुर्ग जो सिर्फ गैस के शिकार थे उनके इलाज मे लापरवाही के कारण उनकी भी जान चली गई ये दोनों मामले स्वास्थ विभाग के दावे का कही न कही पोल खोल कर रख दी है । बुखार से पिरित मरीज का ईलाज तो दुर पानी तक चढना मुनासिब नही समझा बहुत दुख कि बात है, वही मृतक के पिता अजय चौपाल ने बताया सुबह छः बजे ही सदर अस्पताल आए लेकिन यहाँ मौजूद डॉ. साहब ने देखा तक नहीं नर्स के द्वारा हमको पानी का बोतल देकर बोला वहाँ जाकर पानी चढवा लो ,जब इमरजेंसी वार्ड में डा० कार्यरत थे तो यहाँ वहाँ मरीज को भटकने के लिए क्यो भेज दिया गया ।
बही इस मामले को लेकर जब सिविल सर्जन डॉ किशोर कुमार मधुप से बात कि गई तो उन्होंने ने बताया की हम बाहर है, मामला संज्ञान में आया है डीएस को बोले है मामले की जॉच करने जो भी कर्मी दोसी होगें कल सस्पेंड किया जयगा । वही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग बिहार राज्य अध्यक्ष अंजना सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा जिस सदर अस्पताल को खुद बिहार के मुख्यमंत्री ने छोटे पीएमसीएच का रूप बताया है वही के कर्मी के लापरवाही से आए दिन मौते होती रहती है आज चार साल के बच्चे ने ईलाज के वगैर प्राण त्याग दिए उसकी मां रो रो कर डाक्टर को बदुआए दे रही थी क्यों न दे बदुआ, डाक्टर उस बच्चे को देखा तक नहीं और ये कही सुनी बात नहीं है, इस अस्पताल की लापरवाही का मै खुद भुक्तभोगी हूँ मेरे पति का असमय चले जाना कही न कही अस्पताल प्रशासन की लापरवाही थी, इसलिए मैं इस घटना की घोर भर्सना करती हूँ और जिला प्रशासन से मांग करती हूँ कि दोषी अस्पताल कर्मी के उपर विधि संवंत कारवाही कि जाए ।
अब सवाल जनता का क्या इतना सब दिखाने के बाद भी लापरवाह कर्मी पर कार्रवाई की जाएगी और यदि की भी गई तो कितनी कार्रवाई की जाएगी लापरवाही के कारण जो जाने चली गई कार्रवाई करने से उनकी जान वापस आ सकती है हम अस्पताल कर्मी से कर करबद्ध प्रार्थना करना चाहते हैं कि सेवा आपका धर्म है अपने अपने धर्म को निभाए लोगो की जान बचाए