श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की उनके खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर उन्हें शुक्रवार को एक कानूनी नोटिस भेज कर 10 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की.
मलिक ने दिया था ये बयान
मलिक वर्तमान में मेघालय के राज्यपाल हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले कथित तौर पर कहा था कि महबूबा मुफ्ती को रोशनी योजना का लाभ मिला था, जिसका लक्ष्य राज्य सरकार की जमीन के कब्जेदार को शुल्क के एवज में मालिकाना हक देना था. लेकिन महबूबा के वकील अनिल सेठी ने कानूनी नोटिस में लिखा है, ‘मेरी मुवक्किल की प्रतिष्ठा को पहुंचे नुकसान की भरपाई कोई रकम नहीं कर सकती, फिर भी मेरी मुवक्किल ने मुआवजा के लिए आप पर मुकदमा करने का फैसला किया है.’
’30 दिनों के अंदर देने होंगे 10 करोड़’
नोटिस में मलिक से मुआवजे के तौर पर 30 दिनों के अंदर 10 करोड़ रुपये अदा करने या कानूनी कार्रवाई का सामना करने को कहा गया है. इसमें कहा गया है कि मुआवजे की राशि का इस्तेमाल महबूबा द्वारा कोई निजी फायदे के लिए नहीं, बल्कि सार्वजनिक भलाई के लिए की जाएगी. इससे पहले बुधवार को महबूबा ने मलिक से अपनी टिप्पणी वापस लेने को कहा था. पीडीपी प्रमुख ने दो दिन पहले ट्वीट किया था, ‘उनके पास अपनी टिप्पणी वापस लेने का विकल्प है, जिसमें नाकाम रहने पर मैं कानून का सहारा लूंगी.’
महबूबा मुफ्ती ने शेयर किया था वीडियो
उल्लेखनीय है कि महबूबा ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें मलिक यह दावा करते देखे जा सकते हैं कि नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को रोशनी योजना के तहत भूखंड मिला था. रोशनी योजना फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) सरकार लेकर आई थी, जिसका उद्देश्य राज्य की जमीन पर कब्जा रखने वाले लोगों को शुल्क के एवज में उसका मालिकाना हक देना था. इससे मिली राशि का उपयोग राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना के लिए किया जाना था.
खबर इनपुट एजेंसी से