नई दिल्ली। लड़ाकू विमान किसी भी देश की वायुसेना की रीढ़ होते हैं। आधुनिक युद्ध में हवाई महारत और रणनीतिक बढ़त हासिल करने के लिए ये विमान अत्याधुनिक तकनीक, गति, पैंतरेबाजी और हथियारों से लैस होते हैं। वैश्विक तनाव के बीच, विभिन्न देश अपनी एयरफोर्स के बेड़े को मजबूत करने में लगे हुए हैं। भारत एक ग्लोबल पॉवर के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है और अपनी वायुसेना के आधुनिकीकरण को प्राथमिकता दे रहा है। आज हम दुनिया के 10 सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों पर नजर डालेंगे और यह जानेंगे कि इनमें से कौन सा विमान भारत के पास है।
लॉकहीड मार्टिन F-35 लाइटनिंग II (अमेरिका)
यह पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान है, जो अपने एडवांस सेंसर तकनीक, नेटवर्किंग क्षमता और मल्टी-रोल परफॉर्मेंस के लिए जाना जाता है। यह हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों तरह के मिशनों में सक्षम है। यह स्टील्थ फाइटर जेट अपनी असाधारण गति (मैक 2.25), सुपरक्रूज क्षमता के कारण वायु युद्ध में बेजोड़ है।
लॉकहीड मार्टिन F-22 रैप्टर (अमेरिका)
दुनिया का पहला पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ विमान, F-22 अपनी अद्वितीय चपलता, सुपरक्रूज क्षमता और हवाई युद्ध में अपराजेय प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध है। यह मल्टीरोल स्टील्थ फाइटर जेट इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और नेटवर्क-केंद्रित अभियानों में महारत रखता है।
चेंगदू J-20 (चीन)
चीन का यह पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ विमान लंबी दूरी के हवाई हमलों और वायु श्रेष्ठता के लिए डिजाइन किया गया है। यह एशिया में एक उभरती हुई ताकत का प्रतीक है। हालांकि इसकी इंजन क्षमता और असली स्टील्थ विशेषताओं पर सवाल उठते रहे हैं।
सुखोई Su-57 फेलन (रूस)
रूस का यह पांचवीं पीढ़ी का विमान स्टील्थ, सुपर-मैन्यूवरेबिलिटी और एडवांस हथियार प्रणालियों का मिश्रण है। यह हवा और जमीन दोनों पर हमला करने में सक्षम है।
दसॉ राफेल (फ्रांस)
4.5 पीढ़ी का यह मल्टी-रोल विमान अपनी एडवांस रडार प्रणाली, फुर्तीलेपन और विविध हथियारों को ले जाने की क्षमता के लिए जाना जाता है। यह फ्रांस और भारत सहित कई देशों की वायुसेना का हिस्सा है। राफेल को “ओमनीरोल” जेट कहा जाता है क्योंकि यह हवाई युद्ध, ग्राउंड स्ट्राइक और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।
यूरोफाइटर टाइफून (यूरोप)
यह 4.5 पीढ़ी का विमान अपनी शानदार पैंतरेबाजी और मल्टी-रोल परफॉर्मेंस के लिए मशहूर है। यह यूरोपीय देशों की वायुसेना का प्रमुख हिस्सा है। यह अत्याधुनिक मिसाइलों और उन्नत एवियोनिक्स के साथ एक तेज (मैक 2) और अत्यधिक चुस्त लड़ाकू विमान है।
सुखोई Su-35 फ्लैंकर-E (रूस)
4.5 पीढ़ी का यह विमान अपनी सुपर-मैन्यूवरेबिलिटी और शक्तिशाली इंजन के लिए जाना जाता है। रूस का यह 4++ पीढ़ी का विमान शक्तिशाली रडार के साथ हवाई लड़ाई में श्रेष्ठता रखता है। यह रूस की वायुसेना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
बोइंग F/A-18 सुपर हॉर्नेट ब्लॉक III (अमेरिका)
यह मल्टी-रोल विमान अपनी विश्वसनीयता और एडवांस हथियार प्रणालियों के लिए प्रसिद्ध है। विमान स्टील्थ कोटिंग, एडवांस नेटवर्किंग और विस्तारित रेंज के साथ विकसित किया गया है। यह अमेरिकी नौसेना का प्रमुख विमान है।
शेनयांग J-16 (चीन)
यह उभरता हुआ स्टील्थ विमान अपनी क्षमताओं के कारण यह भविष्य में शक्तिशाली साबित हो सकता है। यह चीन का एक एडवांस फाइटर जेट है जो AESA रडार और लंबी दूरी की PL-15 मिसाइलों से लैस है।
साब JAS 39 ग्रिपेन E (स्वीडन)
यह हल्का 4.5 पीढ़ी का विमान अपनी कम लागत, एडवांस तकनीक और बहु-भूमिका क्षमता के लिए जाना जाता है।
भारत के पास कौन से हैं?
भारत के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में राफेल शामिल है, जिसके 36 विमान 2020 में भारतीय वायुसेना में शामिल किए गए थे। यह अत्याधुनिक मेटेओर मिसाइलों और परमाणु हथियारों को ले जाने की क्षमता रखता है। 2020 में भारत-चीन सीमा तनाव के दौरान इसकी त्वरित तैनाती ने इसकी रणनीतिक महत्ता को दर्शाया था। इसके अलावा, भारत के पास 260+ सुखोई Su-30MKI विमान हैं, जो इसकी वायु सेना की रीढ़ माने जाते हैं। इनमें इजरायली एवियोनिक्स और भारत में निर्मित अस्त्र मिसाइलें जोड़ी गई हैं, जो इसे और प्रभावी बनाती हैं। हालांकि, इन विमानों की सर्विसिंग और तकनीकी अपग्रेडेशन की आवश्यकता है।
इसके अलावा, HAL तेजस Mk1A भी भारत को मिलने वाला है। यह हल्का लड़ाकू विमान है जो 2024 से भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा। यह AESA रडार और ASRAAM मिसाइलों के साथ आधुनिकीकृत किया गया है। हालांकि सूची में शामिल अन्य विमानों में से भारत के पास अभी F-35, F-22 या Su-57 जैसे पांचवीं पीढ़ी के विमान नहीं हैं, लेकिन भारतीय वायुसेना के पास कई अन्य उल्लेखनीय लड़ाकू विमान हैं। इनमें सुखोई Su-30 MKI (रूस के साथ संयुक्त रूप से निर्मित), मिराज 2000 (फ्रांस), मिग-29 (रूस), और स्वदेशी तेजस शामिल हैं। तेजस, हालांकि इस सूची में शीर्ष 10 में नहीं है, भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है और 4.5 पीढ़ी का हल्का लड़ाकू विमान है।