नई दिल्ली। कांग्रेस समेत 11 विपक्षी दल असम विधानसभा सीटों के लिए किए जा रहे परिसीमन के तौर-तरीकों पर एतराज जताते हुए इसका कड़ा विरोध किया है। इन पार्टियों के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात कर परिसीमन में कई गंभीर त्रुटियां गिनाते हुए संयुक्त रूप से चुनाव आयोग जाने की बात कही।
धरना देने के बाद चुनाव आयोग को सौपेंगे अपनी शिकायत
सूबे की परिसीमन प्रकिया में खामियों के खिलाफ इन विपक्षी दलों के नेता जंतर-मंतर पर धरना देने के बाद चुनाव आयोग को अपनी शिकायत सौपेंगे। असम के विपक्षी दलों के नेताओं ने गुरूवार देर शाम कांग्रेस अध्यक्ष से इस मुद्दे पर मुलाकात की थी और मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा कि उन्हें परिसीमन प्रक्रिया के खिलाफ ज्ञापन सौंपा गया है। इस मुद्दे को सभी उचित मंचों पर उठाया जाएगा।
20 जून को जारी मसौदे में क्या कहा गया है?
उन्होंने आगे कहा कि जहां परिसीमन का सवाल है तो असम में राजनीतिक दायरे में इस प्रक्रिया पर व्यापक आम सहमति की जरूरत है। वैसे तो परिसीमन को लेकर 20 जून को जारी मसौदे में चुनाव आयोग ने असम में विधानसभा सीटों की संख्या को 126 और लोकसभा सीटों की संख्या 14 बरकरार रखने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन आयोग ने कुछ सीटों को खत्म करने और कुछ नई सीटें बनाने के साथ-साथ विधानसभा और लोकसभा दोनों के अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों की भौगोलिक सीमाओं को बदलने की भी रूपरेखा बनाई है।
भौगोलिक स्थिति में बदलाव का हो रहा विरोध
सीटों की भौगोलिक स्थिति में बड़े बदलाव को ही असम के विपक्षी दल यह कहते हुए एतराज जता रहे हैं कि भाजपा को स्थायी राजनीतिक फायदा पहुंचाने के लिहाज से इनका स्वरूप बदलने की रूपरेखा तैयार की गई है। असम के प्रभारी कांग्रेस महासचिव जितेंद्र सिंह, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, विधायक दल के नेता भूपेन बोरा भी खरगे से मिलने गए विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।