देहरादून। फर्जी रजिस्ट्री घोटाले में शामिल 12वें आरोपी को पुलिस ने सहारनपुर से गिरफ्तार कर उसको न्यायालय में पेश किया जहां से उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
मिली जानकारी के अनुसार 15 जुलाई को संदीप श्रीवास्तव सहायक महानिरीक्षक निबंधन देहरादून व जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति की जांच रिपोर्ट बाबत अज्ञात आरोपियो की मिलीभगत से धोखाधड़ी की नियत से आपराधिक षडयन्त्र रचकर उप निबंधक कार्यालय प्रथम द्वितीय जनपद देहरादून में भिन्नकृभिन्न भूमि विक्रय विलेख से सम्बन्धित धारित जिल्दों के साथ छेडछाड कर अभिलेखो की कूटरचना करना के सम्बन्ध में दी गयी, तहरीर के आधार पर कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज किया गया।
प्रकरण की जांच के लिये पुलिस अधीक्षक यातायात सर्वेश कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी करते हुए रिंग रोड से सम्बन्धित 30 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्ययन कर सभी लोगों से पूछताछ की तथा पूछताछ में कुछ प्रोपटी डीलर के नाम प्रकाश में आये जिनसे गहन पूछताछ में उक्त फर्जीवाड़ा में कई लोगों के नाम प्रकाश में आये गठित टीम द्वारा कई संदिग्धों के विभिन्न बैंक अकाउण्ट का भी अवलोकन किया गया जिसमें करोड़ो रूपयों का लेनकृदेन होना पाया गया।
इस मामले में पुलिस ने सन्तोष अग्रवाल, दीप चन्द अग्रवाल, मक्खन सिंह, डालचन्द, वकील इमरान अहमद, अजय सिंह क्षेत्री, रोहताश सिंह, विकास पाण्डे, कुंवर पाल उर्फ केपी, कमल विरमानी, विशाल कुमार को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार में निरुद्ध है। इन लोगों से विस्तृत पूछताछ में कई अन्य लोगों के नाम भी प्रकाश में आये थे।
पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों के बयानों/साक्ष्यों के आधार पर प्रकाश में आया कि मूल विलेखों की हूबहू नकल कर फर्जी बिलेख तैयार करने का काम केपी द्वारा महेश चन्द उर्फ छोटा पण्डित पुत्र कैलाश चन्द्र निवासी पुष्पाजली बिहार जनता रोड सहारनपुर से कराया जाता था। जिस पर पुलिस टीम द्वारा गत दिवस सहारनपुर से महेश चन्द उर्फ छोटा पण्डित को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसको न्यायालय में पेश किया जहां से उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।