रायपुर: क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 100 करोड़ की ठगी करने वाले तीनों आरोपियों की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। बुधवार को याचिका पर जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। दरअसल कोरोना के दौरान नौकरी गंवाने वाले राजनांदगांव जिले के कंपाउंडर सुशील साहू ने शातिर दिमाग का इस्तेमाल करते हुए क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने डमी एप बनाया।
कंपाउंडर साहू ने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और एक रिटायर्ड आईएएस अफसर को भी अपनी टीम में शामिल कर लिया। ( Chhattisgarh Fraud case ) उसने छत्तीसगढ़ समेत अन्य 8 राज्यों में अपना नेटवर्क फैलाकर लोगों से करीब 100 करोड़ निवेश करा लिया। निवेशकों ने जब सुशील साहू से लाभ की रकम मूल समेत लौटाने कहा तो सुशील उन्हें घुमाने लगा। परेशान निवेशकों ने राजनंदगांव और अन्य थाने में अलग अलग रिपोर्ट दर्ज करवाई।
पुलिस ने जांच के बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जमानत के लिए आरोपियों ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। इस पर आपत्ति करते हुए अधिवक्ता अंकित सिंह ने जमानत अर्जी खारिज करने की मांग की। जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने पहली सुनवाई में डीजीपी को एसआईटी टीम गठित कर जांच कर शपथपत्र पेश करने का निर्देश दिया था। डीजीपी ने जांच कर शपथपत्र प्रस्तुत किया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीनों आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।