आज भले ही वनडे क्रिकेट में 400 के स्कोर गाहे बगाहे नजर आते रहते हों, लेकिन 1996 में ये सेहरा श्रीलंकाई टीम के सिर बंधा था. 1996 के वर्ल्ड कप (1996 World Cup) में इस टीम ने केन्या के खिलाफ कैंडी में खेले गए मुकाबले में ये करिश्माई प्रदर्शन किया था. तब श्रीलंकाई टीम ने 50 ओवर में पांच विकेट खोकर 398 रन का स्कोर बनाया था. तब वनडे क्रिकेट में ये स्कोर किसी अजूबे से कम नहीं था. यहां तक कि आने वाले कई सालों तक ये अजूबा ही रहा. इस मैच में एक शतक और तीन अर्धशतक लगे. यहां तक कि श्रीलंकाई टीम के कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने भी विस्फोटक बल्लेबाजी का नजारा पेश किया. 1996 में ये मुकाबला आज ही के दिन खेला गया था.
केन्या के कप्तान मौरिस ओडुम्बे ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. सनथ जयसूर्या और रोमेश कालूविदर्णा ने टीम को तेज शुरुआत दिलाई. दोनों ने पहले विकेट के लिए 83 रन जोड़े. रोमेश 18 गेंदों पर 33 और जयसूर्या 27 गेंदों पर 44 रन बनाकर आउट हुए. इसके बाद तीसरे नंबर पर असांका गुरुसिंहा और चौथे पर अरविंद डिसिल्वा खेलने आए. इन दोनों ने मैदान के हर कोने में जमकर रन बटोरे. असांका ने 103 गेंदों पर 7 चौकों व तीन छक्कों से 84 रन बनाए तो डिसिल्वा ने 115 गेंदों पर 14 चौकों और 5 छक्कों के साथ 145 रन कूट दिए. इसके अलावा रणतुंगा ने 40 गेंदों पर 13 चौकों और 1 छक्के की मदद से नाबाद 75 रन ठोक दिए. इस तरह श्रीलंका ने 5 विकेट खोकर 398 रन का स्कोर खड़ा किया.
144 रन से जीता श्रीलंका
जवाब में केन्या की टीम निर्धारित 50 ओवर में 7 विकेट पर 254 रन ही बना सके. टीम के लिए सबसे ज्यादा रन स्टीव टिकोलो ने बनाए, जिन्होंने 95 गेंदों पर 8 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 96 रन की पारी खेली. उनके बाद दूसरा उच्चतम स्कोर हितेश मोदी का रहा, जिनके बल्ले से 82 गेंदों पर 41 रन निकले. दीपक चूडास्मा ने 27, डेविड टिकोलो ने 25 और लेमेक ओनयांगो ने 23 रनों का योगदान दिया. श्रीलंका के लिए अर्जुन रणतुंगा और मुथैया मुरलीधरन ने दो-दो विकेट लिए. इस तरह श्रीलंका ने ये मैच 144 रन के बड़े अंतर से अपने नाम किया. इस मैच में कुल मिलाकर 14 छक्के और 43 चौके लगे. केन्या के तेज गेंदबाज रजाब अली जिन्होंने पिछले मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ 17 रन देकर 3 विकेट लिए थे, श्रीलंका के खिलाफ मुकाबले में 6 ओवरों में 67 रन लुटा बैठे.