आनंद अकेला की रिपोर्ट
भोपाल। शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार अगले दो से तीन दिनों के भीतर कर दिया जाएगा। शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार में 25 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। जिसमें से 15 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्यमंत्री शामिल हो सकते हैं। मंत्रिमंडल में शामिल करने वाले सभी विधायकों की सूची आज शाम तक दिल्ली भेजी जाएगी। वहां से हरी झंडी मिलते ही मंत्रियों का तत्काल शपथ ग्रहण कराया जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले दस दिनों से मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी के बीच कई बार बैठक हो चुकी है। इस बीच मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए विधायकों ने अपना पक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और प्रदेश प्रभारी सुहास भगत के पास मजबूती से रखा है। सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों के लिए सीटें आरक्षित होने के बाद प्रदेश के भाजपा विधायकों के लिए मंत्रीपद की कम जगह बचती है। उसमें भी इस बार मंत्री बनने के लिए दावेदारों की संख्या काफी अधिक होने से सूची फाइनल होने में काफी समय लग रहा है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो अभी भी 15 चेहरों को लेकर पेंच फंसा हुआ है। इन नामों को लेकर पिछले चौबीस घंटों में सीएम शिवराज सिंह व अन्य पदाधिकारियों के बीच तीन बार विशेष बैठक हो चुकी है। एक बैठक तो मंगलवार की देररात में बंद कमरे में हुई। हालांकि काफी माथापच्ची के बाद 25 लोगों की सूची को भाजपा हाईकमान और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजी जा रही है। शाम तक यह सूची दिल्ली भेज दी जाएगी। इस पर मुहर लगते ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया जाएगा।
संतुलन बनाने में जमकर माथापच्ची
खबरों के मुताबिक संगठन व सरकार में सबसे ज्यादा मंथन जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने के अलावा पार्टी विधायकों को एडजस्ट करने पर किया जा रहा है। यही वजह है कि बीते रोज पहले सीएम ने प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और सुहास भगत को दिन में मंत्रालय बुलाया, यहां तीनों नेताओं ने लंबी मंत्रणा की। इसके बाद रात साढ़े नौ बजे सीएम प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे, यहां फिर तीनों नेताओं के बीच मंत्रिमंडल को लेकर लंबी चर्चा की गई। इसके बाद फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से सीएम और संगठन नेताओं ने फोन पर सामूहिक रुप से बात की। बताया जा रहा है कि इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने भी जल्द विस्तार पर सहमति प्रदान कर दी है, जिससे कि उपचुनाव की तैयारियों पर पूरा फोकस किया जा सके। माना जा रहा है कि दिल्ली सूची भेजे जाने के बाद उसे कल तक मंजूरी मिल जाएगी और इसके बाद कभी भी विस्तार कर दिया जाएगा।
25 चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर सहमति
काफी बैठकों के बाद फिलहाल 25 चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर सहमति बनती दिखी है। जिसमें से 15 को कैबिनेट मंत्री और 10 को राज्य मंत्री बनाया जाएगा। कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए छह चेहरों को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है जबकि दो को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा।
इनका मंत्री बनना लगभग तय
शिवराज मंत्रिमंडल में जिन नेताओं का मंत्री बनना तय माना जा रहा है उनमें भाजपा की ओर से गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह, यशोधराराजे सिंधिया, अजय विश्नोई, गौरीशंकर बिसेन, चेतन कश्यप के नाम तय माने जा रहे हैं। इन सभी को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। वहीं राजेन्द्र शुक्ल, रामपाल, सिंह, विजय शाह, संजय पाठक, विश्वास सारंग, अरविंद भदौरिया, बृजेन्द्र प्रताप सिंह के नाम भी इसमें शामिल बताए जा रहे हैं। सिंधिया खेमें से महेन्द्र सिंह सिसौदिया, प्रभूराम चौधरी, इमरतीदेवी, प्रद्युन सिंह तोमर और कांग्रेस से आए विधायकों में ऐदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया जाना तय है। वहीं हरदीप सिंह डंग और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को राज्य मंत्री बनाया जा सकता है।
इन नामों को लेकर असमंजस
सूत्रों की माने तो फिलहाल सीधी से केदारनाथ शुक्ला, भोपाल से रामेश्वर शर्मा, जबलपुर से अशोक रोहाणी, सतना से रामखिलावन पटेल, बडवानी से प्रेम सिंह पटेल, शाजापुर से इंदर परमार, इंदौर से रमेश मेंदोला के साथ ऊषा ठाकुर, ओमप्रकाश सकलेचा और यशपाल सिंह सिसौदिया और उज्जैन से पारस जैन और मोहन यादव के नामों पर भी अभी मंथन जारी है। इन नामों को लेकर ही सत्ता व संगठन के बीच मशक्कत की जा रही है। माना जा रहा है कि यादव समाज को प्रतिनिधित्व देने के लिए मोहन यादव को मंत्री बनाया जा सकता है। विधानसभा अध्यक्ष के लिए डाक्टर सीताशरण शर्मा के साथ इस बार प्रोक्टेम स्पीकर जगदीश देवड़ा का नाम भी चल रहा है। उपाध्यक्ष के लिए नागेन्द्र सिंह नागौद के साथ प्रदीप लारिया के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। वहीं रीवा से गिरीश गौतम सागर से प्रदीप लारिया और टीकमगढ़ से हरीशंकर खटीक के नामों पर भी पार्टी विचार कर रही है। खटीक व लारिया में से किसी एक को शामिल किया जाएगा।
छवि का रखा जा रहा ख्याल
संगठन के सूत्रों की माने तो विस्तार में जिन लोगों को शपथ दिलाई जाएगी उसमें उनकी छवि का भी ख्याल रखा जा रहा है। संगठन ने तय किया है कि खराब छवि और गंभीर आरोपों वाले नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाएगा। इनमें हनी ट्रैप मामले में नाम आने वाले नेताओं से भी दूरी बनाई जाना तय किया गया है।