दुर्ग: छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दुर्ग जिले में बीजेपी के एक नेता ने भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की है तथा उन पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। चुनाव आयोग को लिखे एक पत्र में भाजपा की जिला इकाई के उपाध्यक्ष राजेंद्र पाध्ये ने दावा किया कि 26 मार्च को बघेल ने (दुर्ग जिले के) पाटन में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में कहा था कि यदि किसी निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवारों की संख्या 375 से अधिक है तब चुनाव आयोग को मतपत्र से चुनाव कराने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
पाध्ये ने शिकायत में कहा है, ”दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र के विधायक और राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल ने 26 मार्च को पाटन विधानसभा के आमालोरी गांव में कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में निर्वाचन आयोग के खिलाफ भड़काऊ बयान जारी करते हुए कहा कि यदि राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में 375 से अधिक उम्मीदवार होंगे तो निर्वाचन आयोग को राजनांदगांव में मतपत्र से मतदान करवाना होगा, इसलिए पाटन क्षेत्र के कार्यकर्ता अधिक से अधिक संख्या में राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में जाकर नामांकन दाखिल करें।”
चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश
भाजपा नेता ने अपनी शिकायत में कहा है, ”पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक भूपेश बघेल ने इस बयान के माध्यम से निर्वाचन आयोग की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास किया है, साथ ही अनुचित रूप से चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास करते हुए कांग्रेस नेताओं को नामांकन दाखिल करने के लिए उकसाने का कार्य किया है।”
भाजपा नेता ने बघेल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और उन्हें राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के बाहर चुनाव प्रचार करने से रोकने की मांग की है। पाध्ये का दावा है कि इस घटना के एक वीडियो में बघेल को यह कहते हुए सुना जा सकता है। कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में बघेल ने कहा था, ”जो काम कोर्ट और चुनाव आयोग नहीं कर सकता, वह इस हॉल में बैठे लोग कर सकते हैं। उन्होंने (पार्टी कार्यकर्ताओं ने) पूछा कैसे? यदि एक निर्वाचन क्षेत्र में 384 से अधिक उम्मीदवार चुनाव लड़ते हैं तो चुनाव आयोग को मतपत्र के माध्यम से मतदान कराने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।”
अधिकारियों का क्या है तर्क?
अधिकारियों के अनुसार ईवीएम मशीन एक निर्वाचन क्षेत्र में नोटा सहित 384 उम्मीदवारों के नामों में वोट डालने की सुविधा दे सकती है, क्योंकि एक ‘बैलेट यूनिट’ में ‘नोटा’ सहित 16 उम्मीदवारों के नाम आ सकते हैं और 24 ‘बैलेट यूनिट’ को एक साथ ‘कंट्रोल यूनिट’ से जोड़ा जा सकता है। इसलिए ईवीएम का सेट अप एक निर्वाचन क्षेत्र में नोटा सहित 384 उम्मीदवारों को संभाल सकता है।
‘बैलेट पेपर से चुनाव कराने का कोई प्रावधान नहीं है’ शिकायत के बारे में पूछे जाने पर दुर्ग जिला निर्वाचन अधिकारी और जिलाधिकारी ऋचा प्रकाश चौधरी ने बताया कि इस संबंध में शिकायत प्राप्त हो गई है और मामले की जांच के बाद इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि उम्मीदवारों की संख्या 375 से अधिक है तो मतपत्र के माध्यम से चुनाव कराने का कोई प्रावधान नहीं है।