क्रिकेट में रन बनना तो आम बात है। लेकिन जब एक ही गेंद कई बार डाली जाए और हर बार रन बनते ही जाएं और ओवर खत्म न हों तो फिर क्या कहिएगा। टी20 क्रिकेट में मंगलवार शाम को ऐसा कारनामा हुआ, जो इससे पहले शायद कभी नहीं हुआ होगा। क्रिकेट में वैसे तो एक गेंद पर अधिकतम छह ही रन बन सकते हैं, लेकिन इस बार 18 रन बन गए और गेंद ने पूरी 11 गेंदों का ओवर फेंक दिया, ये काम हुआ टीएनपीएल यानी तमिलनाडु प्रीमियर लीग में।
टीएनपीएल में अभिषेक तंवर ने खर्च कर दिए एक गेंद पर 18 रन
दरअसल टीएनपीएल में Chepauk Super Gillies और Salem Spartans के बीच मैच खेल जा रहा था। सीएसजी ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। पारी का आखिरी ओवर लेकर आए अभिषेक तंवर। उन्होंने ओवर की पहली चार गेंदों तो ठीक डाली, लेकिन जिसमें ज्यादा रन भी नहीं बने। लेकिन पांचवी बॉल नो कर दी। इस नो बॉल पर कोई रन नहीं बना, इसके बाद जो पांचवी लीगल बॉल डाली गई, उस पर एक ही रन बना। इसके बाद आनी भी आखिरी बॉल। लेकिन अभिषेक तंवर ने फिर नो बॉल कर दी। ये ओवर में अभिषेक की दूसरी नो बॉल थी, हालांकि इस पर कोई रन नहीं बना और उम्मीद थी कि अगली बॉल पर ओवर खत्म हो जाएगा।
लेकिन अगली बॉल फिर नो हो गई और इस बार गेंद सीधी छह रन के लिए चली गई। बात यही पर खत्म नहीं हुई। अगली फिर नो बॉल हो गई और इस पर दो रन बने। अगली बॉल नो तो नहीं हुई, लेकिन इस बार अभिषेक ने वाइड बॉल कर दी। यानी अभी भी ओवर खत्म नहीं हुआ था। इसके बाद आखिरी लीगल बॉल डाली गई और इस बार फिर से संजय यादव ने इस पर छक्का मार दिया। इस तरह से आखिरी बॉल पूरी करने के लिए अभिषेक तंवर को कुल मिलाकर पांच बॉल डालनी पड़ी और इसमें कुल जो रन आए वो थे 18 रन। ये शायद टी20 क्रिकेट की सबसे ज्यादा रन देने वाली पारी की आखिरी बॉल होगी।
19 ओवर में बने थे 191 रन, लेकिन 20 ओवर खत्म होते ही बन गए 217 रन
इस आखिरी बॉल का असर ये हुआ कि जो Chepauk Super Gillies की पारी 200 रन के अंदर ही खत्म हो जानी चाहिए थे, वो 217 तक पहुंच गई। जब 19 ओवर खत्म हुए थे, जब टीम का स्कोर 191 रन था, लेकिन छह गेंद बाद ही अचानक से कहां से कहां पहुंच गया। इसके बाद जब Salem Spartans की टीम 218 रनों का लक्ष्य हासिल करने के लिए मैदान में उतरी तो पूरी टीम 20 ओवर में नौ विकेट के नुकसान पर 165 रन ही बना सकी और Chepauk Super Gillies की टीम ने 52 रन से आसानी ये मैच अपने नाम कर लिया। इसलिए कहा जाता है कि जब तक आखिरी गेंद न फेंक दी जाए, क्रिकेट के बारे में कभी भी कुछ भी नहीं कहा जा सकता।