नई दिल्ली। अमृत सरोवर योजना के तहत देश में 20 मार्च 2025 तक 68,000 से अधिक अमृत सरोवर पूरे हो चुके हैं। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
दरअसल,सरकार की इस पहल ने जल की कमी की समस्या को हल करने और विभिन्न क्षेत्रों में सतही और भूमिगत जल की उपलब्धता में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये जलाशय न केवल तात्कालिक जल आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं, बल्कि सतत जल संसाधनों की स्थापना का भी प्रतीक हैं।
अमृत सरोवर योजना 2022 में शुरू हुई
मिशन अमृत सरोवर योजना का अप्रैल 2022 में शुभारंभ किया गया था। इसका लक्ष्य प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवरों (तालाबों) का निर्माण या पुनरुद्धार करना है। मिशन अमृत सरोवर को राज्यों और जिलों द्वारा चल रही विभिन्न योजनाओं के सहयोग से कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी एनआरईजीएस), पंद्रहवें वित्त आयोग से अनुदान, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उप-कार्यक्रम जैसे वॉटरशेड विकास घटक और हर खेत को पानी, साथ ही राज्य सरकारों की अपनी योजनाएं शामिल हैं।
इन परियोजनाओं में क्राउडफंडिंग और कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) जैसे सार्वजनिक समर्थन के माध्यम से भी योगदान की अनुमति है।
मिशन के दूसरे चरण में जनभागीदारी पर फोकस
मिशन अमृत सरोवर का दूसरा चरण सार्वजनिक भागीदारी (जनभागीदारी) को केंद्र में रखकर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा। इस चरण का उद्देश्य पारिस्थितिक संतुलन को बढ़ावा देना, जलवायु अनुकूलता को मजबूत करना और भावी पीढ़ियों के लिए स्थायी लाभ प्रदान करना है।