देहरादून : प्रदेश सरकार के फैसले से इस बार पहली बार ऐसा होगा जब उत्तराखंड बोर्ड की 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा में फेल 20800 छात्र-छात्राओं को पास होने का मौका मिलेगा। हाईस्कूल में 12800 छात्र-छात्राएं दो और इंटरमीडिएट में 8000 छात्र-छात्राएं एक विषय में फेल हैं। इन छात्रों के साथ ही परीक्षा में पास हुए ढाई लाख उन छात्रों के सामने अंक सुधार का अवसर है, जिन्हें लगता है उन्हें परीक्षा में औसत से कम अंक मिले हैं।
उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा का बृहस्पतिवार को परिणाम घोषित हो गया। हाईस्कूल का कुल परीक्षाफल 85.17 और इंटरमीडिएट का 80.98 प्रतिशत रहा है। 12वीं में 23565 परीक्षार्थी फेल हुए हैं। जबकि 18954 दसवीं पास नहीं हो पाए। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फेल और पास छात्र-छात्राओं से जल्द ही विकल्प लेकर अंक सुधार परीक्षा कराई जाएगी।
छात्र-छात्राओं के पास होंगे दो विकल्प
अंक सुधार के लिए छात्र-छात्राओं को एक और फेल छात्रों को पास होने के लिए तीन अवसर दिए जाएंगे। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फेल छात्रों को पहला मौका परीक्षा परिणाम आने के बाद दिया जाएगा। अंक सुधार परीक्षा के साथ ये छात्र परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। ये छात्र तब भी पास नहीं हुए तो फेल छात्र-छात्राओं के पास दूसरा मौका वर्ष 2024-25 की परीक्षा का होगा।
इस परीक्षा में इन छात्र-छात्राओं के पास दो विकल्प होंगे। पहला विकल्प यह होगा कि वे केवल अपने फेल विषयों की परीक्षा दें व दूसरा विकल्प होगा कि इन विषयों को छोड़कर वे सभी विषयों की परीक्षा दें। यदि ये छात्र तब भी पास नहीं हुए तो इन्हें तीसरा व अंतिम अवसर 2024-25 की अंक सुधार परीक्षा में बैठने का दिया जाएगा।
पिछले साल की तुलना में 12 वीं का परीक्षाफल रहा खराब
उत्तराखंड बोर्ड का परीक्षाफल पिछले साल की तुलना में इस बार खराब रहा है। पिछले साल 2022 का परीक्षाफल 82.63 प्रतिशत रहा। जबकि इस साल का परीक्षाफल 80.98 प्रतिशत रहा है। इसमें संस्थागत का 81.46 और व्यक्तिगत का 64.28 प्रतिशत रहा है।