हल्द्वानी: हर साल मानसून सीजन के बाद हल्द्वानी के लोगों को बदहाल सड़कों की दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इस बार भी करीब 90 दिनों की बारिश के दौरान नगर निगम क्षेत्र की कॉलोनियों में करीब 215 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इन टूटी और गड्ढों वाली सड़कों से निकलना लोगों की मजबूरी हो गया है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों के साथ ही दोपहिया वाहन चालकों को पेश आ रही है। कई सड़कों में एक से 10 फीट तक लंबाई के गड्ढे बन गए हैं, जो हादसों का कारण बने हैं।
हल्द्वानी नगर निगम क्षेत्र मे रहने वाले लोगों की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले से विभिन्न मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे लोगों को अब बदहाल सड़कें परेशान कर रही हैं। शहर की विभिन्न कॉलोनियों में 983 किलोमीटर सड़कों का रख-रखाव नगर निगम के जिम्मे है।
इस बार के करीब तीन माह के मानसून सीजन में इनमें से लगभग 215 किलोमीटर सड़कें गड्ढों की भेंट चढ़कर ऊबड़खाबड़ हो गई हैं। इनमें विभिन्न कॉलोनियों की पांच से 40 फीट चौड़ी गलियां भी शामिल हैं। सड़कों की इस बदहाली से लोगों का सामान्य आवागमन भी प्रभावित हो रहा है।
अधिकांश सड़कें खराब हो गई हैं। ऐसे में गैस सिलेंडर के साथ ही जरूरी सामग्री के वाहन कॉलोनी के भीतर आने बंद हो गए हैं। नगर निगम क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त कराए। -मनोज जोशी निवर्तमान पार्षद, तल्ली हल्द्वानी।
इंदिरानगर की अधिकांश गलियों में सड़क पर गड्ढ़े हो गए हैं। इससे स्कूली बच्चों के साथ ही दोपहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। कई बार लोग चोटिल भी हो जा रहे हैं। -शकील अहमद सलमानी, पूर्व पार्षद, इंदिरानगर।
सिलेंडर लेने कॉलोनी के बाहर तक जाना पड़ रहा
गलियों में सड़कों की स्थिति खराब होने से गैस सिलेंडर के साथ अन्य सामान के वाहन चालक भी जाने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को सामान लेने को कॉलोनी के बाहर तक आना पड़ रहा है। जिससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा। बारिश में क्षतिग्रस्त हुई सड़कों के सुधारीकरण के लिए प्रस्ताव बनाया जा रहा है। मानसून का सीजन खत्म होते ही सड़कों की मरम्मत की लिए जरूरी कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
7 करोड़ रुपये लगाने के बाद भी सड़कें क्षतिग्रस्त
नगर निगम ने पिछले एक साल में शहर की सड़कों की मरम्मत में 7 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। बावजूद इसके शहर की सड़कें और अधिक बदहाल हो गई हैं। पिछले एक साल में नगर निगम ने कोई भी नई सड़क नहीं बनाई। शहर में सिर्फ सड़कों की मरम्मत में ही 7 करोड़ रुपये खर्च किए गए। मरम्मत की गई इन सड़कों की भी बरसात में बुरी हालत हो गई है।
49 लाख से बनी रोड 8 माह में हो गई खराब
एसटीएच के पीछे से देवलचौड़ तक 49 लाख रुपये की लागत से बनी सड़क आठ महीने में खराब हो चुकी है। नगर निगम ने डामरयुक्त यह सड़क तैयार की थी। क्षेत्र में बरसात के दौरान ड्रेनेज की व्यवस्था नहीं होने के कारण लाखों से बनी यह सड़क बर्बाद हो गई है। नहर के बगल से जाने वाली इस सड़क पर बरसात के दौरान पानी भर जाता है। जिससे डामर धीरे-धीरे उखड़ने लग जाता है।