देहरादून : उत्तराखंड की विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों को लेकर हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है. उत्तराखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त 228 कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश को सही माना है.
पूर्व में एकलपीठ ने अध्यक्ष के इस आदेश पर रोक लगा दी थी. इस आदेश को विधानसभा द्वारा खंडपीठ में चुनौती दी गई थी. खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को सही ठहराया है. कोर्ट के इस आदेश के बाद उत्तराखंड विधानसभा के 228 कर्मचारी बर्खास्त ही रहेंगे. बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाला (Uttarakhand Assembly Recruitment Scam) मामले में विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को सस्पेंड कर दिया गया था.
इस जांच समिति की रिपोर्ट की सिफारिश पर 22 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने 2016 में हुईं 150 भर्तियों, 2020 में हुईं 6 नियुक्तियों, 2021 में हुई 94 भर्तियों को रद्द कर दिया था. इसके बाद कोर्ट ने इसी फैसले पर रोक लगा दी थी. इसी के साथ कोर्ट ने दोनों पक्षों से जवाब भी मांगा था.
कई विभागों में भर्ती के लिए आयोजित की गई थी परीक्षा
दरअसल, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 4 और 5 दिसंबर 2021 को लिखित भर्ती परीक्षा आयोजित की थी. 854 रिक्त पदों के लिए आयोग की यह सबसे बड़ी परीक्षा थी, जिसमें कई विभागों से 13 कैटेगरी की पोस्टिंग भरी जानी थी.
परीक्षा में कथित हेराफेरी के मामले में देहरादून पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. शुरुआती जांच के बाद मामला STF को सौंप दिया गया था. उत्तराखंड में सबसे बड़े परीक्षा घोटालों की जांच के दायरे में राज्य की विधानसभा और पुलिस विभाग की भर्तियां भी आ गई थीं.