पहलगाम: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले जिसमें 26-28 पर्यटकों की जान गई और कई घायल हुए। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली, जो लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, हमले में 4-6 आतंकी शामिल थे, जिनमें 2-3 पाकिस्तानी थे, और इसे पाकिस्तान की ISI ने 26/11 जैसे हमले की तर्ज पर रचा। हमलावरों ने पर्यटकों से धर्म पूछकर और बर्बरता से हत्याएं कीं, जिससे देशभर में गुस्सा भड़क गया।
भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी दौरा बीच में छोड़ा, CCS की बैठक में सख्त फैसले लिए गए, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकियों और उनके आकाओं को बख्शा नहीं जाएगा। सेना ने कुलगाम में TRF के टॉप कमांडर को घेरा, और उरी में दो आतंकियों को मार गिराया।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कदम भी उठाए, जैसे SAARC वीजा रोकना और पाकिस्तानियों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश। पाकिस्तान में घबराहट है। वहां की सेना और वायुसेना हाई अलर्ट पर हैं, और PM शहबाज शरीफ ने आपात बैठक बुलाई। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हमले से संबंध नकारा, लेकिन सबूत उनकी ISI और लश्कर के गठजोड़ की ओर इशारा करते हैं।
आतंकी हमले का मास्टरमाइंड में खौफ़ !
जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद अब भारत ने जिस तरह से जवाबी कार्रवाई करनी शुरू की है, उसके बाद से पाकिस्तान में डर का माहौल है. पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद कसूरी भी खौफ में है, उसने वीडियो जारी कर हमले में हाथ नहीं होने की बात कही है. भारत के एक्शन से घबराए लश्कर ए तैयबा के कमांडर सैफुल्लाह खालिद कसूरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जो हमला हुआ है और 27 जानों का नुकसान हुआ है, हम इसकी पुरजोर मजम्मत (निंदा) करते हैं। इस हमले की आड़ में भारतीय मीडिया ने मुझे आरोपी बना दिया है और पाकिस्तान पर इल्जाम गढ़ दिया है, ये बेहद अफसोसजनक है. भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है. वो पाकिस्तान के पानी को रोकना चाहता है। पाकिस्तान को तबाह करना चाहता है।
आतंकियों की बची ज़मीन को मिटटी में मिलाने का समय आ गया है !
पहलगाम आतंकी हमले पर पीएम मोदी ने कहा, “आज, बिहार की धरती पर, मैं पूरी दुनिया से कहता हूं, भारत प्रत्येक आतंकवादी और उनके समर्थकों की पहचान करेगा, उनका पीछा करेगा और उन्हें सजा देगा। हम उन्हें पृथ्वी के छोर तक खोजेंगे। भारत की आत्मा को आतंकवाद कभी नहीं तोड़ सकता। आतंकवाद बिना सजा के नहीं रहेगा। न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। पूरा राष्ट्र इस संकल्प में एकजुट है। जो भी मानवता में विश्वास करता है, वह हमारे साथ है। मैं विभिन्न देशों के लोगों और उनके नेताओं का आभार व्यक्त करता हूं जो हमारे साथ खड़े हैं।”
पहलगाम हमले के बाद भारत के संभावित जवाबों को सैन्य, कूटनीतिक, और अन्य पहलुओं में बांटकर समझते हैं।
पहलगाम हमले की गंभीरता !
पहलगाम हमले की गंभीरता (26-28 पर्यटकों की मौत, ISI-लश्कर का हाथ) को देखते हुए भारत सैन्य कार्रवाई पर विचार कर सकता है। सर्जिकल स्ट्राइक 2.0: 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत ने दिखाया कि वह सीमा पार आतंकी ठिकानों को निशाना बना सकता है। खुफिया जानकारी के अनुसार, PoK में लश्कर और TRF के कई कैंप सक्रिय हैं। भारत इन ठिकानों पर सीमित, सटीक हमले कर सकता है।
सेना पहले ही कुलगाम और उरी में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है। LoC पर घुसपैठ रोकने के लिए अतिरिक्त सैन्य टुकड़ियां तैनात की जा सकती हैं। आधुनिक युद्ध में ड्रोन और साइबर ऑपरेशंस अहम हैं। भारत पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क की कम्युनिकेशन लाइन्स को साइबर हमलों से बाधित कर सकता है या ड्रोन से निगरानी बढ़ा सकता है। भारत ने जम्मू-कश्मीर में सैन्य तैयारियां तेज कर दी हैं। नौसेना और वायुसेना को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है, जिससे पाकिस्तान पर दबाव बढ़ रहा है।
पकिस्तान को वैश्विक मंच पर करारा जवाब ?
भारत पहले ही पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने की रणनीति पर काम कर रहा है। FATF और आतंकवाद का मुद्दा: भारत पाकिस्तान को FATF की ब्लैक लिस्ट में डलवाने के लिए दबाव बढ़ा सकता है। पहलगाम हमले के सबूत (ISI और लश्कर का लिंक) UN और अन्य मंचों पर पेश किए जा सकते हैं। भारत ने SAARC वीजा रद्द कर दिए और पाकिस्तान को क्षेत्रीय सहयोग से बाहर करने की नीति अपनाई। इसे और सख्त किया जा सकता है। भारत-पाकिस्तान के बीच पहले से ही व्यापार और राजनयिक रिश्ते न्यूनतम हैं। भारत पाकिस्तानी दूतावास के कुछ अधिकारियों को निष्कासित कर सकता है या और सख्ती कर सकता है।
आर्थिक और सामाजिक जवाब !
भारत पाकिस्तान के साथ व्यापार पूरी तरह रोक सकता है। हालांकि, पहले से ही व्यापार न के बराबर है, लेकिन भारत अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ व्यापार में पाकिस्तान को दरकिनार कर सकता है। भारत सरकार जनता में एकता और राष्ट्रवाद को बढ़ावा दे रही है। पहलगाम हमले ने लोगों को झकझोरा है, और सरकार इसका इस्तेमाल आतंकवाद के खिलाफ जनसमर्थन जुटाने में कर सकती है।
पाकिस्तान में डर का माहौल !
पाकिस्तान घबराया हुआ है। उनकी सेना और वायुसेना हाई अलर्ट पर हैं, और शहबाज शरीफ की आपात बैठक से साफ है कि वे भारत के जवाब से डरे हैं। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हमले से पल्ला झाड़ा, लेकिन सबूत उनके खिलाफ हैं। X पर कुछ पाकिस्तानी यूजर्स भी डर जता रहे हैं कि भारत PoK में बड़ा ऑपरेशन कर सकता है। अगर भारत बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई करता है, तो पाकिस्तान जवाबी हमला कर सकता है, जिससे सीमित युद्ध की स्थिति बन सकती है। दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं, इसलिए सावधानी जरूरी है।
मोदी का पकिस्तान को कड़ा सन्देश !
पीएम मोदी ने बिहार में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा “आतंकियों को कल्पना से ज्यादा बड़ी सजा मिलेगी, उनकी बची जमीन को भी मिट्टी में मिला देंगे..”
आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन शुरू !
अमेरिका और चीन जैसे देश तनाव कम करने की सलाह दे सकते हैं। भारत को अपनी कार्रवाई को आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन के रूप में पेश करना होगा। पहलगाम हमले से साफ है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी अब भी सक्रिय हैं। भारत को आंतरिक सुरक्षा और मजबूत करनी होगी। पहलगाम हमले ने भारत को कड़ा जवाब देने के लिए मजबूर किया है। संभावना है कि भारत सर्जिकल स्ट्राइक, कूटनीतिक दबाव, और आर्थिक प्रतिबंधों का मिश्रण अपनाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान, “आतंकियों को उनके आकाओं समेत जवाब देंगे,” इस दिशा में इशारा करता है।