देहरादून | राजधानी देहरादून के रजिस्ट्रार कार्यालय के जमीनी दस्तावेजो में फर्जीवाड़ा कर करोड़ो रूपये की जमीनों का खरीद फरोख्त करने मामला सामने आने के बाद से ही हरकत में आये शासन, प्रशासन व पुलिस द्वारा कार्यवाही में कोतवाली नगर व एसआईटी टीम द्वारा आज शनिवार को मामले में एक रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त कर्मी सहित कुल 3 अभियुक्तो को गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले जिलाधिकारी देहरादून सोनिका व मुख्यमंत्री धामी द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय ( registrar office ) में निरीक्षण के दौरान कार्यालय में भारी कमियां देखी गयी, जिसमे जांच उपरांत जिलाधिकारी को कार्यालय में रखी गयी कई जमीनी दस्तावेजो में फर्जीवाड़े की जानकारी हुई|
आपॅरेशन प्रहार के अन्तर्गत DIG/SSP दे0दून श्री दलीप सिंह कुँवर के नेतृत्व में #दून_पुलिस की बडी कार्यवाही
रजिस्ट्रार ऑफिस के अभिलेखों से छेड़-छाड़ कर धोखाधडी से करोडो रू0 की जमीनों की खरीद फरोख्त करने वाले अन्तर्राज्जीय गिरोह के 3 सदस्यों को को0नगर व SOG की टीम ने किया गिरफ्तार pic.twitter.com/9RGnRXRy6e— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) August 12, 2023
उक्त सम्बंध में संदीप श्रीवास्तव, सहायक महानिरीक्षक निबंधन देहरादून पुत्र स्व0 ओम प्रकाश श्रीवास्तव निवासी- ग्रीन न्यू कालोनी बलवीर रोड देहरादून व जिलाधिकारी द्वारा 03 गठित समिति की जांच रिपोर्ट बाबत अज्ञात अभियुक्तगणों की मिलीभगत से धोखाधडी की नियत से आपराधिक षडयन्त्र रचकर उप निबंधक कार्यालय प्रथम/ द्दितीय जनपद देहरादून में भिन्न –भिन्न भूमि विक्रय विलेख से सम्बन्धित धारित जिल्दो के क्रमशः (विलेख सं0 2719/2720 वर्ष 1972, विलेख सं0 3193, विलेख सं0 3192, विलेख सं0 545 वर्ष 1969, विलेख सं010802/10803 ) के साथ छेडछाड कर अभिलेखो की कूटरचना करना के सम्बन्ध में कोतवाली नगर में शिकायत दर्ज करवाई दी गयी|
जिसपर पुलिस कप्तान देहरादून द्वारा उपरोक्त प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अपराध सर्वेश कुमार की अध्यक्षता में एक एस0आई0टी0 टीम का गठन किया था व एसआईटी द्वारा रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी करते हुए रिंग रोड से सम्बन्धित 50 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्ययन कर सभी लोगों से पूछताछ की, जिसमे पुलिस के सम्मुख कुछ प्रॉपर्टी डीलरों के नाम आये व फर्जीवाड़े से जुड़े वकील इमरान का नाम प्रमुखता से आया साथ ही फर्जी रजिस्ट्री करने वाले सन्तोष अग्रवाल व दीपचन्द अग्रवाल के नाम भी प्रकाश में आये।
करोडो रूपयो का लेन देन भी होना पाया गया
पुलिस द्वारा उन लोगो के द्वारा बनाये गये दस्तावेजों को रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त करने पर इनके द्वारा फर्जीवाडे करने के साक्ष्य मिले व इनके बैंक एकाउंट में करोडो रूपयो का लेन देन भी होना पाया गया।
गठित एसआईटी टीम द्वारा पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्तगणो के सम्भावित ठिकानों पर दबिश दी गयी तो सभी अभियुक्त मौके से फरार मिले। पुलिस द्वारा कड़ी मेहनत व प्रयासों से आज शनिवार को अभियुक्त सन्तोष अग्रवाल(49)पुत्र स्व0 पन्ना लाल अग्रवाल निवासी-ग्राम चाल खोवा बोगी विल डिबरूगढ, असम हाल निवासी- ग्राम आमगुरी|
थाना बिजनी जनपद चिंरांज बी0 टी0 ए0 डी0 असम व दीप चन्द अग्रवाल(42) पुत्र स्व0 मोतीलाल अग्रवाल निवासी- चालखोवा हाल निवासी- छापरी वार्ड न0 08, मानिकपुर जनपद डिब्रूगढ,असम को शिमला पाईपास से गिरफ्तार किया गया। जिनसे पूछताछ में रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त डालचन्द व अन्य लोगो का नाम प्रकाश मे आया। तथा पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर अभि0 डालचन्द बन्नू स्कूल के पास रेसकोर्स से गिरफ्तार किया गया।
अभियुक्त सन्तोष अग्रवाल व दीपचन्द अग्रवाल पुत्र स्व0 पन्ना लाल अग्रवाल ने पूछताछ में बताया कि उनका लकडी व कोयला का काम था जिसके सिलसिले में वह अक्सर सहारनपुर के0पी0 सिंह के पास आते जाते थे। वर्ष 2019 में उनकी मुलाकात के0पी सिंह के माध्यम से इमरान वकील से हुई जिसने उन्हें देहरादून आने के लिए बोला था जिस पर वह देहरादून में इमरान वकील से मिले जिसने उन्हे बताया कि देहरादून में कई जमीने कई वर्षों से बिना वारिस के लावारिस पडी है।
उनमें से कुछ जमीन वह उनके नाम करा सकता है जिसमें उन्हे लाखों करोडो का फायदा होगा इसके बाद इमरान ने उन्हें कुछ जमीनों के कागजात दिखायें और उन्होंने कुछ जमीन उनके नाम पर कागज बनाये।
इमरान ने अपनी गारण्टी ली कि उन्हें कभी फंसने नहीं देगा फिर इमरान ने एक रजिस्ट्रार कार्यालय (registrar office) के कर्मचारी डालचन्द से मिलवाया जिसने भी उन्हें पूर्ण आश्वासन दिया। वह पैसों के लालच में उनकी बातों में आ गये इसके बाद इमरान ने उससे उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड औऱ माता –पिता का डैथ सार्टिफिकेट मंगवाया फिर इमरान ने उनके नाम से रिंग रोड की जमीन के कागज बनवाये। इन कागजों को बनवाने में अर्पित चावला वकील भी इमरान के साथ मिला है।
इन लोगो ने महन्त इन्द्रिश हॉस्पिटल के आस-पास अभियुक्त को एक कमरा किराये पर दिलाया। इन लोगो ने उसके दो खाते कोटक महिन्द्रा व एक्सिस बैंक में खुलवाये जिसके चैक बुक पर हमारे साईन कराकर इमरान ने अपने पास रख लिये थे।
जब रिंग रोड की जमीन कागजों में उनके नाम हो गयी इसके बाद यह लोग राजपुर रोड में जमीन का सौदा करने के लिये इन्हें ले गये ,जहां पर इमरान का साथी सहनवाज भी था इन लोगों ने प्रोपर्टी डीलर गोपाल ,सैनी, गुलेरिया व शहजाद से जमीन का सौदा करवाया जिसमें 25-30 लाख रूपये नकद लिए और कुछ चैकों से रकम इमरान ने लिये इसके बाद वर्ष 2021-22 में इन लोगो ने विभिन्न लोगों से अभियुक्त से रजिस्ट्री करवायी।
ब्लैक के सारे पैसे इमरान ही रखता था और जो रजिस्ट्री के रूपये चैको के माध्यम से उसके एकाउण्ट में आते थे वह भी पूरे पूरे इमरान ही निकाल लेता था। इन लोगों ने अभियुक्त को करीब 25-30 लाख रूपये नकद दिये थे ।
इमरान और सहनवाज की रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में नियुक्त डाल चन्द से अच्छी बातचीत थी और इन लोगों ने जमीन सम्बन्धी जो भी कागजात बनाये और रजिस्ट्रार कार्यालय मे लगाये व सभी डालचन्द के साथ मिलकर किये थे इनके साथ और कई लोग भी उठते बैठते थे जिनको वह नाम से नही जानता है।
अभियुक्त डालचन्द (58)पुत्र चौखे सिंह निवासी 28 ए ब्लाक नई बस्ती रेसकोर्स थाना नेहरू कालोनी देहरादून ने पूछताछ में बताया कि वह रजिस्ट्रार कार्यालय में बाईन्डर आदि का कार्य करता था उसे इमरान ने लालच देकर कुछ पुरानी जमीनों के असली कागजात को जिल्द बही से निकालकर फर्जी कागजात लगवाये क्योंकि रिकॉर्ड रूम में उसका आना जाना था उसे सभी पुरानी जमीनों के कागजातो के बारे मे अच्छी जानकारी थी ।