नई दिल्ली : हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है. वहीं इस बार गंगा दशहरा दिनांक 30 मई दिन मंगलवार को है. इस दिन मां दुर्गा की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन भगीरथ अपेन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए मां गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे. इसलिए इसी भगीरथ भी कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र में इस बार गंगा दशहरा के दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. जिसका महत्व इस दिन और भा ज्यादा बढ़ जाता है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि गंगा दशहरा के दिन कौन से शुभ योग बन रहे हैं, इस दिन का महत्व क्या है, इस दिन कौन से उपाय करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है.
गंगा दशहरा के दिन होने जा रहा है दो शुभ योग का निर्माण
इस दिन दो शुभ योग का निर्माण हो रहा है. साथ ही इसी दिन शुक्र कर्क राशि में गोचर करने वाले हैं, जिससे धन योग का निर्माण भी हो रहा है. अब ऐसे में इन तीन योगों में गंगा स्नान और पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाते हैं.
रवि योग – पूरे दिन रहेगा
सिद्धि योग – दिनांत 29 मई को रात 09 बजकर 01 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 30 मई को रात 08 बजकर 55 मिनट तक रहेगा.
धन योग – इस दिन शुक्र ग्रह के कर्क राशि में गोचर करने से धन योग का भी निर्माण हो रहा है.
इस दिन जरूर करें ये उपाय
- अगर आपकी आर्थिक समस्याएं खत्म नहीं हो रही है, तो गंगा दशहरा के दिन गंगाजल को चांदी के पात्र में डालकर उसे अपने घर के उत्तर पूर्व दिशा में रख दें. इस उपाय को करने से आपको धनलाभ अवश्य होगा और आपकी जीवन में आ रही धन संबंधित समस्याएं दूर हो जाएंगी.
- पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए गंगा दशहरा के दिन तर्पण करें.
- अगर आपके घर का वास्तु दोष ठीक नहीं है, तो घर में गंगाजल से छिड़काव करें. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.
- कुंडली में स्थित सभी ग्रहों को शांत करने के लिए गंगा दशहरा के दिन शिवलिंग पर गंगा जल से अभिषेक करें. ऐसा करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं.
- अगर आपकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है, तो हर शनिवार को लोटे में जल भरकर, उसमें थोड़ा सा गंगाजल मिला लें और पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं. इससे शनि के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को मुक्त मिल जाती है.