नई दिल्ली। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद प्रोफेसर गौरव वल्लभ अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान से वल्लभ का पलायन कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर माना जा रहा है उन्होंने कांग्रेस पर दिशाहीन पार्टी होने के आरोप लगाए थे। वल्लभ कांग्रेस की तरफ से राष्ट्रीय प्रवक्ता भी थे। वल्लभ के साथ बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने भी भाजपा की सदस्यता ली।
खास बात है कि महज दो दिनों के भीतर ही कांग्रेस को तीन राज्यों में तीन बड़े झटके लगे हैं। एक ओर जहां राजस्थान से आने वाले वल्लभ ने और बिहार कांग्रेस के दिग्गज शर्मा ने भाजपा का दामन थामा। वहीं, पार्टी से तनातनी के बीच महाराष्ट्र के नेता संजय निरुपम ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना में शामिल होने की तैयारी में हैं।
गौरव ने लगाया दिशाहीन होने का आरोप
वल्लभ ने लिखा, ‘पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उससे मैं खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा हूं। मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर को गाली दे सकता हूं। इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।’
संजय निरूपम भी भड़के
निरूपम मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से महाविकास अघाड़ी के अमोल कीर्तिकार के उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज थे। वह लगातार उन्हें ‘खिचड़ी चोर’ बता रहे थे। उन्होंने कहा था कि उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस इस बात पर संज्ञान लेगी। साथ ही उन्होंने भी कांग्रेस को दिशाहीन करार दे दिया था और कहा था कि पार्टी में कोई भी संगठनात्मक शक्ति नहीं है।
निरुपम ने कहा था कि कांग्रेस में 5 पावर सेंटर हैं। उन्होंने कहा, ‘सभी पांचों सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल की अपनी लॉबियां हैं और आपस में टकराते रहते हैं।’
खास बात है कि उन्होंने मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं चुनाव लड़ूंगा। मैं यहां से चुनाव लड़ूंगा। मैं यहां से जीतूंगा। जो लोग शोक संदेश लिखना चाह रहे थे, मैं उन्हें निराश कर दूंगा। मैं नवरात्री के बाद अपने भविष्य को लेकर कोई फैसला लूंगा।’ खबरें हैं कि कांग्रेस ने निरुपम को स्टार प्रचारकों की सूची से भी हटा दिया है।