एडिलेड ओवल स्टेडियम में टी20 वर्ल्ड कप 2022 के दूसरे सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने भारत को दस विकेट से रौंद दिया. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए हार्दिक पंड्या के बदौलत 168 रन बनाए. वैसे तो एडिलेड में भारतीय टीम का स्कोर शुरू में कुछ खराब नहीं लग रहा था मगर इंग्लैंड के बल्लेबाजों के सामने भारतीय गेंदबाज फीके नजर आए और उन्होंने सिर्फ 16 ओवर में बगैर कोई विकेट खोए लक्ष्य को पार कर लिया. एलेक्स हेल्स ने नाबाद 47 गेंदों में 86 रन बनाए जबकि बटलर 49 गेंदों में 80 रन बनाकर नाबाद रहे. और मैच से जो एक रोमांचक करीबी टक्कर की उम्मीद थी, वह धरी की धरी रह गई.
पावर प्ले का इस्तेमाल नहीं करना
भारत ने पावर प्ले में एक विकेट खोकर केवल 38 रन बनाए. क्या भारतीय टीम से पिच का आकलन करने में चूक हो गई, और इंग्लैंड को ऐसा स्कोर मिला जिसका पीछा करना बनाना बहुत ही आसान साबित हुआ? भारतीय सलामी बल्लेबाजों ने पिच को समझने में गलती की. यह पिच बैट्समैन की मदद करने वाली थी. हो सकता है कि भारत पहले से तैयार की गई योजना के मुताबिक खेल रहा हो, जिसमें शुरुआत में विकेट बचाना और अंतिम ओवर में धुंआधार पारी खेलने की नीति रही हो. और इस नीति ने टूर्नामेंट में अब तक भारत के पक्ष में काम किया था क्योंकि आखिरी ओवरों (17 से 20) में उनका स्ट्राइक रेट सबसे बेहतर रहा.
लेकिन इस योजना में बेशक कमी थी. जहां हम पुराने तरीके से सोच रहे थे वहां जरूरत अत्याधुनिक तकनीक और आज के हिसाब से सोचने की थी. कमेंट्री बॉक्स में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा, “आखिरी 17 गेंदों में 50 रन बना कर भी एक आम स्कोर तक पहुंचना साफ दिखाता है कि कहीं कुछ गड़बड़ी हुई है. इससे पता चलता है कि भारत ने शुरुआत में ही सब कुछ खो दिया.” पम्मी म्बंगवा का बयान और भी स्पष्ट रहा. उन्होंने कहा, “पावर प्ले का इस्तेमाल उसी तरह किया जाना चाहिए जिस तरह से इस्तेमाल करने के लिए वह बना है. अगर आप पावरप्ले में रन बना लेते हैं तब आगे आपको आसानी होती है.”
हार्दिक पंड्या की धमाकेदार पारी को अलग रख दें तो इंग्लैंड ने मिडवे में शानदार खेल का प्रदर्शन किया है. आदिल राशिद से पूछा गया कि मैच शुरू होने से पहले अगर आपसे पूछा जाता कि क्या आप पीछा करने के लिए 169 का लक्ष्य पसंद करेंगे तो आपका क्या जवाब होता? उन्होंने कहा, “हमें 168 का पीछा करने में खुशी होती.” उनके आकलन के मुताबिक भारत ने अच्छा स्कोर नहीं दिया और जब अंग्रेजी सलामी बल्लेबाज आक्रामकता से जवाब देने लगे तब सभी आश्चर्यचकित रह गए. यह सोचकर ही एक सिहरन सी उठती है कि अगर पंड्या ने अच्छी पारी नहीं खेली होती तो क्या भारत 10 ओवर में ही मैच हार जाता! पंड्या ने दो हिस्सों में अपनी पारी पूरी की: पहले 15 गेंदों में हार्दिक ने एक चौके के साथ सिर्फ 13 रन बनाए; बाद में उन्होंने 18 गेंदों में 50 रन बनाकर भारत को 168 के स्कोर पर पहुंचाया.
कलाई के स्पिनर का नहीं खेलना
पहली गेंद फेंके जाने से पहले ही एडिलेड में भारत की हार की कहानी लिखी जा चुकी थी. विकेट लेने वाले युजवेंद्र चहल को टीम में नहीं लेने की गलती एक बार फिर से विश्व कप में दोहराई गई. पहले कुछ ओवरों में ही तेज गेंदबाज पस्त हो गए. पावरप्ले में विकेट लेने के लिए भारत को स्पिनरों की जरूरत थी. चौथे ओवर में ही स्पिन का इस्तेमाल किया गया लेकिन अक्षर पटेल गेंद को ज्यादा टर्न नहीं दे पाते. उनकी गेंदबाजी काफी हद तक प्रक्षेपण की दिशा, कोण और गेंद की गति पर निर्भर करती है. कमेंट्री के दौरान रवि शास्त्री के हावभाव से साफ लग रहा था कि चीजें सही दिशा में नहीं जा रही हैः “एक कलाई का स्पिनर विकेट लेने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. मगर दुर्भाग्य से भारत के पास टीम में एक भी कलाई का स्पिनर नहीं है. वह पैवेलियन में तो बैठा है मगर आज के मैच में उसे शामिल नहीं किया गया है.”
भारत की बैटिंग से पहले इंग्लैंड ने खेल को नियंत्रित करने के लिए अपने स्पिनरों का बखूबी इस्तेमाल किया. न केवल आदिल राशिद बल्कि लियाम लिविंगस्टन को भी जरूरत भर ओवर दिये गए. अक्षर पटेल और आर अश्विन ने 6 ओवर में बिना कोई विकेट लिए 57 रन दिए. उनकी गेंद पर तीन चौके और चार छक्के लगे. जब भारत ने पिछले साल के टी 20 विश्व कप में युज़ी चहल को अपनी टीम में नहीं रखा तो मैच विजेता को टीम में नहीं रखने के लिए चयनकर्ताओं की खूब आलोचना हुई. अब जब ऑस्ट्रेलिया के लिए उन्हें चुना गया तो उनसे एक गेंद भी नहीं फेंकवाई गई. वो भी तब जब पटेल और अश्विन वहां के पिच पर कमजोर बॉलिंग कर रहे थे. कोई आश्चर्य नहीं कि फाइनल में पहुंचने वाली दोनों टीमों के पास दो अच्छे लेग स्पिनर हैं – शादाब खान और आदिल राशिद.
बटलर और हेल्स ने पाकिस्तान को किया आगाह
कोई भी अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाज नेट प्रेक्टिस के दौरान पहले कुछ ओवर रक्षात्मक तरीके से खेलता है. और अंतिम दो ओवरों में विशेष रूप से उसका लक्ष्य मैदान के बाहर गेंद पहुंचाने का होता है. गुरुवार को ऐसा लगा कि इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज नेट्स पर अपने बल्लेबाजी की प्रैक्टिस के बाद के हिस्से को पहले अंजाम दे रहे थे और गेंदबाज परेशान थे. उनकी आक्रामकता से साफ झलक रहा था कि वे शुरुआती ओवरों में ही मैच को झटक लेना चाहते हैं. जोस बटलर और एलेक्स हेल्स ने एडिलेड ओवल स्टेडियम के आकार का अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया और दोनों ने मिल कर 13 चौके और 10 छक्के लगाए. ऑयन मॉर्गन ने टिप्पणी की, “यह एक बहुत अच्छी बल्लेबाजी की पिच थी और इंग्लैंड ने इसका भरपूर फायदा उठाया.”
पूर्व इंग्लिश कप्तान और कमेंटेटर नासिर हुसैन ने भारत को लेकर कहाः इंग्लैंड के सामने हर स्तर पर भारत कमजोर दिखा. कमजोर बल्लेबाजी, कमजोर गेंदबाजी और कमजोर फील्डिंग के साथ रणनीति को लेकर भी टीम इंडिया इंग्लैंड के सामने काफी कमजोर नजर आई.” यह हार सफेद गेंद वाली क्रिकेट में किसी भी भारतीय टीम के लिए अब तक की सबसे बुरी हार में से एक होगी.