राजस्थान की सरकार ने राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ‘महिला निधि’ योजना की शुरुआत की है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत महिलाओं के लिए इस स्कीम का ऐलान बजट के दौरान किया था. इस स्कीम की मदद से राज्य की महिलाएं अपना कारोबार शुरू कर सकती हैं और खुद को आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बना सकती हैं. इस स्कीम के जरिए महिलाओं को कारोबार के लिए लोन मुहैया कराया जाएगा. महिलाएं लोन लेकर खुद का व्यवसाय शुरू कर सकेंगी. आर्थिक मदद के लिए उन्हें किसी और निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
48 घंटे में मिलेगा लोन
महिला निधि योजना के तहत 40,000 रुपये तक का कर्ज 48 घंटे में महिलाओं को मिल जाएगा. वहीं, 40,000 रुपये से अधिक का कर्ज 15 दिनों में आवेदक के खाते में आ जाएगा. राजस्थान में फिलहाल 33 जिलों में 2 लाख 70 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है. इसमें 30 लाख परिवार जुड़ चुके हैं. राज्य में कुल 36 लाख परिवारों को उनकी जरूरत के अनुसार इस स्कीम के तहत लाभ मिलेगा.
महिलाओं को आसानी से मिलेगा कर्ज
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022-23 के बजट में महिला निधि स्कीम का ऐलान किया था. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि तेलंगाना के बाद राजस्थान देश का दूसरा राज्य है, जहां महिला निधि स्कीम की शुरुआत हुई है. उनका कहना है कि राज्य में महिला स्वयं सहायता समूह को मजूबत बनाने के लिए इस स्कीम की शुरुआत की गई है. इससे राज्य की गरीब और सम्पत्तिहीन महिलाओं को भी आसानी से बैंक से कर्ज मिल सकेगा. महिला निधि स्कीम से महिलाओं की आय बढ़ेगी.
महिलाओं की होगी आर्थिक उन्नति
महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिए महिला निधि की स्थापना की गई है. राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के माध्यम से इस योजना की स्थापना की घोषणा की गई थी. इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और बैंक अकाउंट के डिटेल्स जैसे डॉक्यूमेंट देने होंगे. सरकार आने वाले दिनों में इस स्कीम के तहत लोन लेने के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया के बारे में बताएगी.