उत्तरकाशी: उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने की मुहिम जारी है. रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) का आज 16वां दिन है. ऑगर मशीन के टूटे हिस्से को बाहर निकाल लिया गया है. प्लाज्मा कटर से काटकर उसको बाहर निकाला गया. इस बीच मैनुअल ड्रिलिंग का काम भी शुरू कर दिया गया. दूसरी तरफ, खबर आ रही है कि अबतक करीब 20 मीटर से ज्यादा वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी कर ली गई. अधिकारियों के मुताबिक, इस काम में करीब चार दिन लग सकते हैं. कहा जा रहा है कि मजदूरों को श्रवण कुमार की तकनीक से बाहर निकाला जाएगा, आइए इसके बारे में जानते हैं.
कब पूरी होगी वर्टिकल ड्रिलिंग?
नेशनल हाइवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) के एमडी महमूह अहमद ने कहा कि जो वर्टिकल ड्रिलिंग हम करा रहे हैं SJVNL से, वो हम उम्मीद कर रहे हैं कि 100 घंटे में पूरी हो जाएगी. जैसा मैंने बोला था कि चार दिन लग सकते हैं. 20 मीटर तक ड्रिलिंग हो चुकी है. क्योंकि रिंग बदलनी होगा. मशीन बदलनी होगी. इसलिए चार दिन लग सकते हैं.
श्रवण कुमार की तकनीक आएगी काम
अधिकारियों को उम्मीद है कि अगर इस काम में कोई अड़चन नहीं आई तो फंसे मजदूर जरूर बाहर निकलेंगे. इस बीच, एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैयद अता हसनैन ने कहा कि वर्टिकल ड्रिलिंग के बाद मजदूरों एक-एक करके डलिया में बैठाकर बाहर निकाल लिया जाएगा. ये कुछ श्रवण कुमार की तकनीक जैसा है. जो अपने माता-पिता को टोकरी में बैठाकर चार धाम की यात्रा कराने के लिए घर से निकले थे. हो सकता है अब श्रवण कुमार की तकनीक से ही मजदूर टनल से बाहर निकलें.
उत्तरकाशी में आर्मी ने संभाला मोर्चा
इस बीच, आर्मी ने भी वहां मोर्चा संभाल लिया है जो सुरंग के दाएं हिस्से में मलबा हटाकर ड्रिलिंग का काम करेंगे. रविवार सुबह इंडियन आर्मी की एक टीम जो करीब 20 लोगों की है, गठित की गई है. उसमें इंजीनियर और विशेषज्ञ भी शामिल हैं. ये तमाम लोग मैनुअल ड्रिलिंग का काम कर रहे हैं. इंडियन आर्मी के जवान भी मैनुअल ड्रिलिंग के जरिए रास्ता बनाने की कोशिश करेंगे.
बता दें कि आज टनल वाली साइट पर प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा पहुंचेंगे. उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू भी उनके साथ में होंगे. वे रेस्क्यू ऑपरेशन की विस्तृत रिपोर्ट लेंगे. दूसरी तरफ, एक्सपर्ट का दावा है कि हॉरिजोंटल माइनिंग में ज्यादा से ज्यादा 10 मीटर तक खुदाई होनी है. रैट माइनिंग की टीम के मुताबिक, वो 1 मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से खोद सकते हैं. कोई रुकावट नहीं आई तो जल्द अच्छी खबर आ सकती है.