नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अगले महीने से घरों में 4जी तकनीक पर आधारित स्मार्ट बिजली के मीटर लगाने की शुरुआत की जाएगी। ये मीटर घरों में लगे हुए आम मीटरों से काफी अलग हैं। जिन घरों में अभी भी पुरानी तकनीकों वाले बिजली के मीटर लगे हुए हैं उन्हें नई तकनीक के आधार पर अपडेट किया जाएगा और उन्हें स्मार्ट मीटर बना दिया जाएगा। आपको बता दें कि जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में पूरे प्रदेश में 12 लाख मीटर ऐसे हैं जो पुरानी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं और इन्हें ही स्मार्ट मीटर में बदल दिया जाएगा।
आपको बता दें कि काफी समय से इस मुद्दे पर बात चल रही है और एक साल से प्रदेश में कोई भी स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जा रहा है। उपभोक्ता परिषद पुरानी तकनीक पर आधारित बिजली के मीटर का लगातार विरोध कर रहा है और स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की बात कर रहा है जो 4G तकनीक पर आधारित होंगे।
उपभोक्ता परिषद द्वारा की तरफ से इस मामले को लगातार उठाया जा रहा था जिसे देखते हुए अब यूपी पावर कारपोरेशन और केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने स्मार्ट 4G प्रीपेड मीटर लगाने के लिए हामी भर दी है और अगले महीने से इसका काम भी शुरू कर दिया जाएगा।
कैसे काम करता है 4G स्मार्ट प्रीपेड मीटर
4G प्रीपेड मीटर की बात करें तो ये किसी सिम कार्ड के पोस्टपेड प्लान की तरह होता है। इसमें आपको एक निश्चित अवधि के लिए एक तय क्षमता और तय यूनिट्स का प्लान रीचार्ज करवाना पड़ेगा और इसमें आपको बिजली का बिल भरने की झंझट खत्म हो जाएगी। उत्तर प्रदेश में सरकार इन्हीं मीटर को लगाने का मन बना चुकी है और अगले महीने से ही ये प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अगर बात करें कि ऐसा क्यों किया जा रहा है तो बता दें कि 4G प्रीपेड मीटर के आने से बिजली का भुगतान समय पर होगा, जरूरत के हिसाब से रिचार्ज करना होगा, आने वाले समय में बिजली बिल कम होगा, बिजली चोरी की समस्या पर लगाम लगेगी, बिजली मीटर से छेड़छाड़ नहीं हो पाएगी।