नई दिल्ली l सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि मौजूदा समय में देश में 600 अवैध लोन ऐप चल रहे हैं. सरकार ने यह आंकड़ा रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के आधार पर दिया है. सरकार ने कहा कि देश में अभी करीब 600 लोन देने वाले ऐप ऐसे हैं जो अवैध हैं और ये सभी ऐप स्टोर पर भी मौजूद हैं. इस तरह की रिपोर्ट पहले भी आई है. पूर्व में रिजर्व बैंक ने कई लोन ऐप के नाम सार्वजनिक किए हैं जो ग्राहकों से धोखाधड़ी के आरोपी हैं और ऐसे अवैध मोबाइल ऐप से आगाह किया है. इन ऐप के झांसे में आकर लोगों ने लोन लिया और उन्हें महंगे रेट पर ब्याज चुकाने पड़ते हैं. लोन के फरेब में कुछ लोगों के जान जाने की भी सूचना है.
शीत सत्र के दौरान सोमवार को सदन में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ने एक लिखित जवाब में कहा, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी ने 27 अवैध ऐप को बंद किया है. इन ऐप ने नियम-कानून का उल्लंघन किया था जिसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए बंद करने का आदेश दिया. आईटी के कानून ‘प्रोसीजर एंड सेफगार्ड्स फॉर ब्लॉकिंग फॉर एक्सेस ऑफ इनफॉरमेशन फॉर पब्लिक रूल्स 2009’ के तहत यह कार्रवाई की गई.
रिजर्व बैंक को मिली शिकायतें
वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि रिजर्व बैंक ने फर्जी या अवैध ऐप के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए सचेत पोर्टल शुरू किया है. जनवरी 2020 से मार्च 2021 के बीच डिजिटल लोन ऐप के खिलाफ लगभग 2,562 शिकायतें मिली हैं. इन शिकायतों में बड़ा हिस्सा वादे के विपरीत जाकर बड़ी मात्रा में ब्याज वसूलने का मामला प्रकाश में आया है. ऐसे अवैध ऐप लोन देते वक्त ब्याज दर कुछ और बताते हैं जबकि वसूली और बहुत ज्यादा रेट पर की जाती है. देश के कई अलग-अलग हिस्सों से ऐसी खबरें सामने आई हैं. लोन रिपेमेंट को लेकर ग्राहकों को परेशान करना, प्रताड़ित करना आम बात है. इस वजह से कुछ ग्राहकों ने जान भी दे दी है. ऐसे मामलों में थानों में केस दर्ज किए गए हैं. पुलिस इसकी जांच भी कर रही है.
ऐसी कंपनियां चलाती हैं फर्जी ऐप
रिजर्व बैंक के सचेत पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय के संज्ञान में भेज दिया जाता है. इसी के साथ जांच एजेंसियों की नजर में भी ये शिकायते बढ़ाई जाती हैं जिस पर कार्रवाई होती है. मंत्री ने संसद में कहा कि जिन लोन ऐप के खिलाफ शिकायतें मिली हैं उनमें वही ऐप हैं जो रिजर्व बैंक के रेगुलेशन के दायरे में नहीं आते. ऐसे ऐप पर रिजर्व बैंक नजर नहीं रखता और लोग इन ऐप की सच्चाई जाने बिना लोन ले लेते हैं. ऐसे लोन चलाने वाली कंपनियों में नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां, अनइनकॉरपोरेटेड संस्थाएं या अकेली कंपनियां शामिल हैं.
अवैध ऐप से बचने की सलाह
संसद में वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि 23 दिसंबर 2020 को रिजर्व बैंक ने एक निर्देश में बताया कि अवैध लोन ऐप के झांसे या प्रलोभन में न आएं और न ही ऐसे मोबाइल ऐप से लोन लें. अगर कोई कंपनी या ऐप सस्ती दर पर लोन ऑफर करते हैं तो पहले उस कंपनी या ऐप के बारे में पूरी जानकारी जुटाएं. कंपनी का वेरिफिकेशन करें, कंपनी सही लगे, अगर वह रेगुलेटेड हो तभी आगे बढ़ें. अन्यता ऐसी कंपनियों का शिकार बनने से बचें. रिजर्व बैंक ने सभी राज्यों को इस बाबत निर्देश जारी किया है और कहा है कि इस तरह के अवैध लोन ऐप पर निगाह रखें और नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई करें. इस तरह का कार्रवाई का जिम्मा राज्य सरकारों के जिम्मे ही है.
खबर इनपुट एजेंसी से