हैदराबाद में टीम इंडिया ने टी20 सीरीज तो अपने नाम कर ली लेकिन एक ऐसी समस्या उसके सामने खड़ी हो गई है जो टी20 वर्ल्ड कप 2022 के दौरान उसे परेशान कर सकती है. ये समस्या 66 गेंदों की है जो उसे टी20 वर्ल्ड कप के दौरान भारी चोट पहुंचा सकती है. यहां 66 गेंद का मतलब है पावर प्ले के 6 ओवर्स और अंत के 5 ओवर्स जहां टीम इंडिया की गेंदबाजी पूरी तरह नाकाम साबित होती दिख रही है. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के सामने टीम इंडिया को पावरप्ले में बहुत ज्यादा समस्या आई वहीं डेथ ओवर्स में भी कुछ ऐसा ही हाल रहा.
हैदराबाद में ये क्या हुआ?
हैदराबाद टी20 की बात करें तो पावरप्ले में टीम इंडिया की गेंदबाजी की कलई ही खुल गई. कैमरन ग्रीन की ताबड़तोड़ हिटिंग के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने 6 ओवर में 66 रन बना डाले, जिसमें बुमराह, भुवनेश्वर जैसे अनुभवी गेंदबाजों की भी पिटाई हुई. मिडिल ओवर्स में टीम इंडिया ने जबर्दस्त वापसी की. अगले 9 ओवरों में टीम इंडिया ने सिर्फ 57 रन दिए. लेकिन डेथ ओवर्स में एक बार फिर भारतीय गेंदबाजों ने जमकर रन लुटाए.
डेथ ओवर्स में टीम इंडिया की खराब गेंदबाजी
भारतीय टीम ने जहां मिडिल ओवर्स में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की रनगति पर ब्रेक लगाया वहीं डेथ ओवर्स में सारे किए कराए पर पानी फिर गया. आखिरी पांच ओवरों में टीम इंडिया के गेंदबाजों ने 63 रन लुटा दिए. दिलचस्प बात ये है कि अंतिम ओवर में सिर्फ 7 रन दिए गए. मतलब चार ओवरों में भारतीय गेंदबाजों ने 56 रन लुटाए.
सीरीज में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन रहा बेहद खराब
अक्षर पटेल को अगर छोड़ दें तो बाकी सभी गेंदबाजों की सीरीज में जमकर धुनाई हुई. युजवेंद्र चहल का इकॉनमी रेट 9.12 रहा. हार्दिक पंड्या का इकॉनमी रेट 9.16 रहा. बुमराह का इकॉनमी रेट तो 12.16 रहा. हर्षल पटेल ने 12.37 रन प्रति ओवर लुटाए. भुवनेश्वर कुमार ने 13 रन प्रति ओवर दिए. साफ है टी20 वर्ल्ड कप से पहले ये मुद्दा टीम इंडिया के लिए बड़ी चिंता का विषय है.
एशिया कप में भी टीम इंडिया की डेथ गेंदबाजी चिंता का विषय रही थी. कहा जा रहा था कि बुमराह के आने के बाद ये समस्या खत्म हो जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं. बुमराह खुद लय में नजर नहीं आ रहे हैं. कप्तान रोहित शर्मा ने भी इसे स्वीकार किया है. हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई है कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में टीम इंडिया के गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन करेंगे.