नई दिल्ली : सरकार ने डायबिटीज मरीजों के लिए सस्ती दवाई को मार्केट में उतारा है. सरकार ने Sitagliptin नाम से डायबिटीज की मेडिसिन लॉन्च की है. इस दवाई की 10 गोलियां 60 रुपये में डायबिटीज के मरीजों को मिलेंगी. देश के जेनेरिक फार्मेसी स्टोर जन-औषधि केंद्रों पर इस दवाई की बिक्री होगी. रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI) ने अपने जन औषधि केंद्रों में Sitagliptin के नए कॉम्बिनेशन को शामिल किया है.
कितना कम है रेट?
Sitagliptin के 50 मिलीग्राम की 10 गोलियों की अधिकमत खुदरा मूल्य 60 रुपये है. 100 मिलीग्राम की गोलियों के पैकेट का दाम 100 रुपये है. बयान के मुताबिक, इस दवाई की कीमत अन्य ब्रांडेड दवाइयों के दाम से 60 से 70 फीसदी कम हैं. डायबिटीज की ब्रांडेड दवाइयों कीमत 160 रुपये से लेकर 258 रुपये तक है. प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत देश भर में 8,700 से अधिक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं.
देश में डायबिटीज मरीजों की संख्या
जनऔषधि केंद्र पर फिलहाल 1,600 से अधिक दवाएं और 250 सर्जिकल उपकरण उपलब्ध हैं. इन केंद्रों पर सेनेटरी पैड भी एक रुपये की कीमत पर मिलते हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-इंडिया (ICMR) के अनुसार, देशभर में कुल 7.40 करोड़ लोगों को डायबिटीज है. वहीं, आठ करोड़ लोग प्री-डायबिटिक हैं. ICMR की रिपोर्ट के अनुसार, प्री-डायबिटिक मरीज तेजी से डायबिटीज में तब्दील हो रहे हैं.
दोगुनी हो जाएगी मरीजों की संख्या
स्टडी के ऑथर, डॉ. वी मोहन के अनुसार, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2045 में भारत में डायबिटीज के कुल 13.5 करोड़ मरीज होंगे. इसका मतलब है कि आने वाले 20 सालों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दोगुनी हो जाएगी.
डायबिटीज होने का कारण
इसका सबसे बड़ा कारण हाई कार्बोहाइड्रेट युक्त डाइट का सेवन करना है. डायबिटीज की समस्या तब होती है जब ब्लड में ग्लूकोज का लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इसे बैलेंस करने के लिए पैनक्रियाज एक हार्मोन रिलीज करता है, जिसे इंसुलिन कहा जाता है. इंसुलिन ग्लूकोज को मेनटेन करने का काम करता है. लेकिन जब पैनक्रियाज से इंसुलिन सही से रिलीज नहीं हो पाता तो डायबिटीज की समस्या का सामना करना पड़ता है.
डायबिटीज दो तरह का होता है. टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज. टाइप 1 डायबिटीज में पैनक्रियाज बिल्कुल भी इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता. वहीं, टाइप 2 डायबिटीज में पैनक्रियाज काफी कम मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन काफी कम मात्रा में करता है.