नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है और ऐसे में तमाम पार्टियां अब रणनीति बनाने में जुट गई हैं. लेकिन सत्ता का रास्ता जिस राज्य से गुजरता है, वहां अलग ही सियासी हलचल है. हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश की, जहां 7 विधायकों की अग्नि परीक्षा होनी है. दरअसल लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश के सात विधायकों की अग्नि परीक्षा होगी. दरअसल इन सभी विधायकों को उनकी पार्टियों से लोकसभा का टिकट मिला है. सबसे ज्यादा समाजवादी पार्टी ने अपने विधायकों को लोकसभा में उतारा है.
सपा ने पांच विधायकों को मैदान में उतारा है जबकि एक-एक उम्मीदवार विधायक बीजेपी और राष्ट्रीय लोकदल से हैं. सपा ने सीनियर नेता शिवपाल यादव को बदायूं से टिकट दिया है. वह इटावा में जसवंतनगर से विधायक हैं. बदायूं पार्टी के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती है. यहां चार लाख यादव और साढ़े तीन लाख मुस्लिम मतदाता हैं जो पारंपरिक तौर पर सपा का वोट बैंक रहे हैं.
बदायूं में मौजूदा सांसद बीजेपी की संघमित्रा मौर्य हैं, जो स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं. उनकी उम्मीदवारी अभी तक तय नहीं है. इसकी मुख्य वजह उनके पिता की बदलती राजनीतिक वफादारी और सनातन धर्म के खिलाफ उनके बयान हैं. संभल में सपा ने जियाउर्रहमान बर्क को मैदान में उतारा है, जो मुरादाबाद से सपा विधायक हैं. संभल से मौजूदा सांसद सपा के शफीकुर-रहमान बर्क थे जिनका हाल ही में निधन हो गया. जियाउर-रहमान उनके पोते हैं.
सपा ने अंबेडकर नगर से लालजी वर्मा को मैदान में उतारा है. वर्मा फिलहाल इसी नाम की विधानसभा सीट से विधायक हैं. वह बसपा के पूर्व सांसद रितेश पांडे को चुनौती देंगे जो अब यहां से भाजपा के उम्मीदवार हैं.
राजनाथ के सामने होंगे अवधेश
फैजाबाद में मिल्कीपुर से सपा विधायक अवधेश प्रसाद पार्टी के प्रत्याशी हैं. उनके सामने होंगे बीजेपी के लल्लू सिंह, जिनकी नजर तीसरी बार लोकसभा जाने पर है. सपा ने अपने सीनियर विधायक रविदास मेहरोत्रा को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ लखनऊ लोकसभा सीट से उतारा है.
सीनियर नेता होते हुए भी इस सीट के लिए उनका पलड़ा हल्का माना जा रहा है. वहीं बीजेपी की बात करें तो उसने अपने विधायक ओम कुमार को नगीना (सुरक्षित) सीट से मैदान में उतारा है. उन्हें सपा के मनोज कुमार और आजाद समाज पार्टी के चंद्र शेखर आजाद से चुनौती मिलेगी.
राष्ट्रीय लोकदल ने बिजनौर लोकसभा सीट से अपने विधायक चंदन चौहान को उम्मीदवार बनाया है. चौहान मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से विधायक हैं और उन्हें सपा के दीपक सैनी से चुनौती मिलेगी.
सियासी पंडितों के मुताबिक, पार्टियों को लगता है कि अगर वे मौजूदा विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतारेंगे तो उन्हें कम जोखिम होगा. एक सीनियर सपा नेता ने कहा, ‘जो लोग चुनाव जीत चुके हैं, उनके पास पहले से ही अपना नेटवर्क है और उनके लिए संसदीय चुनाव लड़ना आसान है.’ लोकसभा चुनाव सात चरणों में 19 अप्रैल से 1 जून तक होंगे. मतगणना 4 जून को होगी.