देहरादून l उत्तराखंड चुनाव 2022 में राज्य की 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 755 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है. नामंकन दाखिल करने के आखिरी दिन कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत (Harish Rawat) समेत 307 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है. राज्य चुनाव कार्यालय के अनुसार सबसे ज्यादा 144 नामांकन देहरादून में और सबसे कम 15 चम्पावत जिले में हुए हैं. पिछले चुनाव में राज्य में 723 नामांकन दाखिल किए गए थे.
उत्तराखंड में दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा को सीट संख्या में बदलने के लिए बीजेपी और कांग्रेस जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों ने इस बार फिर आम कार्यकर्ताओं की जगह परिवारवाद को तरजीह दी है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने प्रदेश के कुल 20 फीसदी से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में नेताओं के नजदीकी रिश्तेदारों पर ही भरोसा जताया है. प्रदेश में 70 विधानसभा सीट पर 14 फरवरी को होने वाले चुनाव में एक दर्जन से अधिक प्रत्याशी अपने माता-पिता, ससुर, भाई या पति के नाम का सहारा लेकर मतदाताओं का आशीर्वाद लेने का प्रयास कर रहे हैं.
कांग्रेस हरक सिंह रावत की बहू पर लगाया दांव
लैंसडौन सीट से कांग्रेस ने हाल में पार्टी में दोबारा शामिल हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को चुनावी मैदान में उतारा है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि ‘दबंग’ छवि वाले हरक सिंह की चुनाव में जीतने की क्षमता का लाभ पार्टी को भाजपा से इस सीट को छीनने में जरूर मिलेगा. इस सीट पर अनुकृति का मुकाबला भाजपा के दो बार के विधायक दिलीप सिंह रावत से है, जिन्होंने 2012 में अपने पिता और क्षेत्र के कद्दावर नेता भारत सिंह रावत की राजनीतिक विरासत संभाली थी.
कांग्रेस ने अपनी कद्दावर नेता इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद हल्द्वानी सीट से उनके बेटे सुमित को टिकट दिया है और उन्हें उम्मीद है कि वह अपनी मां की परंपरागत सीट को पार्टी के कब्जे में बरकरार रखेंगे. देहरादून कैंट विधानसभा सीट पर रिकॉर्ड आठ बार विधायक रहे हरबंस कपूर के हाल में निधन के बाद भाजपा ने उनकी पत्नी सविता को चुनाव मैदान में उतारा है. सविता के साथ ही पार्टी को भी पूरा भरोसा है कि हरबंस कपूर के कद का चुनावी लाभ जरूर मिलेगा.
खबर इनपुट एजेंसी से