नई दिल्ली। कुवैत की सरकार ने रातोंरात हजारों लोगों की नागरिकता रद्द कर दी है। इस लिस्ट में ज्यादातर महिलाएं हैं और यह संख्या 26 हजार तक जा सकती है। सरकार के इस फैसले का नतीजा ये कि लोग सुबह सोकर उठे तो उनका बैंक अकाउंट बंद हो गया और ऐसे लोगों की सारी सुविधाएं ठप हो गई है। इस बारे में जब कारण पता किया गया तो जानकारी मिली कि उनकी नागरिकता चली गई।
बता दें कि मई 2024 में अमीर ने लोकतंत्र को खतरा बताया था और संविधान संशोधन करने की घोषणा कर दी थी। सरकार उन लोगों की नागरिकता ज्यादा रद्द कर रही है, जिन्हें शादी के बाद यहां की नागरिकता मिली थी। इस लिस्ट में वे महिलाएं शामिल हैं, जिन्होंने कुवैत के पुरुषों से शादी करके नागरिकता हासिल की थी।
संविधान के कुछ हिस्सों को किया गया था सस्पेंड
कुवैत में रहने वाली लामा नाम की महिला जब कुवैत सिटी में क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने लगीं तो पता लगा कि उनका बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया और उनकी नागरिकता ही छिन गई है। लामा मूल रुप से जॉर्डन की रहने वाली हैं। गौरतलब है कि अमीर शेख मेशाल अल सबाह दिसंबर 2023 में कुवैत के अमीर बने थे। इसके बाद बाद उन्होंने संसद को भंग कर दिया गया। इसके साथ ही संविधान के कुछ हिस्सों को सस्पेंड कर दिया गया है।
कुवैत के अमीर का कहना है कि उन लोगों को ही कुवैत का नागरिक माना जाएगा जिनका यहां के लोगों के साथ ब्लड रिलेशन हैं। अमीर ने एक स्पीच ने कहा है कि कुवैत में रहने वाले 50 लाख लोगों में केवल एक तिहाई ही असली कुवैती हैं। अमीर ने कहा है कि अब कुवैत में केवल ओरिजिनल लोग ही रहेंगे।
26 हजार महिलाओं की बनी मुसीबत
बता दें कि लामा उन पर 37 हजार लोगों में शामिल हैं, जिनकी अगस्त के बाद से नागरिकता जा चुकी है। कुवैती सरकार के मुताबिक इनमें से 26 हजार महिलाएं हैं।