नई दिल्ली: भारत के साथ विवाद के बाद कनाडा में रह रहे हिंदुओं पर खतरा बढ़ गया है। खालिस्तानी संगठनों की ओर से हिंदुओं को धमकियां दी जा रही हैं और वे सरेआम मंदिरों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे में भारतीय एजेंसिया अलर्ट हो गई हैं और कनाडा में रह रहे हिंदुओं और मंदिरों की सुरक्षा के लिए प्लान तैयार कर रही हैं।
जानकारी के मुताबिक, हाल ही में भारतीय खुफिया एजेंसियों की एक बैठक हुई है, जिसमें चर्चा हुई कि कैसे कनाडा स्थित खालिस्तानी आतंकवादी अब स्थानीय हिंदुओं और भारत समर्थक सिखों को खुलेआम धमकी दे रहे हैं और वहां के मंदिरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बैठक में हाल के दिनों में मंदिरों को तोड़े जाने की घटनाओं पर भी चर्चा हुई।
राजनयिकों को धमकी वियना कन्वेंशन का उल्लंघन
अधिकारियों ने इस बात पर भी चर्चा की कि कैसे खालिस्तानी समर्थक कनाडा में भारतीय राजनयिकों को खुलेआम डरा रहे थे और उनके अनुसार, यह वियना कन्वेंशन का स्पष्ट उल्लंघन था। चर्चा के अन्य विषयों में खालिस्तानी अलगाववादियों के लिए सूक्ष्म समर्थन शामिल था, जिसके परिणामस्वरूप खालिस्तान समर्थक तत्वों (पीकेई) के प्रभाव और संसाधनों के कारण कनाडा के प्रमुख गुरुद्वारों से उदारवादी, भारत समर्थक सिखों को बाहर कर दिया गया। बता दें, भारत समर्थक सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक की 2022 में कनाडा के सरे में हत्या कर दी गई थी। सूत्रों ने कहा कि उनकी हत्या हरदीप सिंह निज्जर ने कराई थी, जिसे हाल ही में प्रतिद्वंद्वियों ने मार डाला था। हालांकि, कनाडाई एजेंसियों ने कभी भी निज्जर या किसी खालिस्तानी गुर्गे के खिलाफ कोई जांच शुरू नहीं की।
पंजाब भी हो रहा प्रभावित
खुफिया एजेंसियों के रिकॉर्ड से संकेत मिलता है कि पंजाब इस समय कनाडा से शुरू होने वाली जबरन वसूली योजनाओं के कारण महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहा है। एक सूत्र ने कहा, कनाडा स्थित गिरोह के सदस्य पाकिस्तान से नशीली दवाओं की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें बाद में पूरे पंजाब में वितरित किया जाता है। इन अवैध गतिविधियों से प्राप्त आय का एक हिस्सा कनाडा में सक्रिय खालिस्तानी चरमपंथियों को वापस भेज दिया जाता है। यह पंजाब को भी प्रभावित कर रहा है। बता दें, वर्ष 2016 के बाद पंजाब में सिखों और हिंदुओं की लक्षित हत्याएं देखी गईं और इसके पीछे निज्जर का हाथ था। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि कनाडाई एजेंसियां निष्पक्ष जांच करने के बजाय खालिस्तानी चरमपंथियों को पनाह दे रही हैं।