हरिद्वार. सनातन धर्म में जन्माष्टमी का शुभ दिन भगवान श्री कृष्णा को समर्पित होता है. जन्माष्टमी का पर्व भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में सनातन धर्म के लोग बड़े हर्षो उल्लास के साथ मनाते हैं. पंचांग और शास्त्रों के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाने का विधान है. द्वापर युग में भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. पंचांग के अनुसार साल 2024 में जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त 2024 को आ रहा है. इस साल भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 26 अगस्त की सुबह से ही प्रारंभ हो जाएगी, जो अगले दिन 27 अगस्त की रात तक रहेगी. ज्योतिष शास्त्र में उदया तिथि ही मान्य होती है तो इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 26 अगस्त को ही मनाया जाएगा.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल कृष्ण जन्माष्टमी दुर्लभ योग में पड़ रही है. ज्योतिषीय गणना और पंचांग के अनुसार इस साल कृष्ण जन्माष्टमी उसी योग में पड़ रही है जिस योग में द्वापर युग में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था. वहीं इस बार कृष्ण जन्माष्टमी पर दुर्लभ योग बन रहा है जो बेहद ही लाभकारी और फल प्रदान करने वाला है. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में रात 12:00 हुआ था. उस समय चंद्रमा वृष राशि में थे. संयोग से इस साल भी जन्माष्टमी पर चंद्रमा वृष राशि में है और रोहिणी नक्षत्र में इस बार कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी.
हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने लोकल 18 को बताया कि भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव 26 अगस्त को मनाया जाएगा. कृष्ण जन्माष्टमी विशेष योग में मनाई जाएगी. पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि कई सौ वर्षों के बाद इस साल कृष्ण जन्माष्टमी रोहिणी और जयंत योग में पड़ रही है. यह दोनों योग बहुत ही शुभ और फल प्रदान करने वाले हैं. शास्त्रों के अनुसार जयंत योग और रोहिणी योग दोनों ही रोहिणी नक्षत्र में पड़ रहे हैं, जिस कारण इस साल कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष फल प्राप्त होगा.
वह बताते हैं कि जयंत योग तब बनता है जब भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि सोमवार या बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में पड़ती है. साल 2024 में 26 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व उसी योग, उसी नक्षत्र और चंद्रमा की राशि में पड़ रहा है, जो द्वापर युग में भगवान कृष्ण के जन्म के समय बने थे. उस समय चंद्रमा वृष राशि थे और साल 2024 में भी 26 अगस्त को चंद्रमा वृष राशि में होने पर कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा.