हरिद्वार: ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के प्रतिनिधि शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भारत-पाकिस्तान के विभाजन को रद्द कर अखंड भारत के निर्माण की मांग की है। उन्होंने कहा है कि स्वतंत्रता के समय धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ था, उस समय मुस्लिम के लिए अलग देश पाकिस्तान का निर्माण हुआ था और हिंदुओं के लिए हिंदुस्तान यानी भारत का।
धर्म के आधार पर हुआ था विभाजन
बद्रीनाथ जाने के लिए हरिद्वार स्थित शंकराचार्य मठ कनखल में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह बातें कही। कहा कि स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी बहुमत में मुसलमानों ने भारत को छोड़कर पाकिस्तान को नहीं अपनाया। वह पाकिस्तान जाना भी नहीं चाहते। ऐसे भारतीय मुसलमानों की संख्या पाकिस्तान में रह रहे मुसलमानों से कहीं अधिक है, ऐसे में विभाजन को रद्द कर अखंड भारत का निर्माण होना चाहिए। क्योंकि विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था पर, बहुमत में मुसलमानों ने उसे स्वीकार नहीं किया और विभाजन के बावजूद 75 वर्षों से भारत में रह रहे हैं। ऐसे में बंटवारे का ना तो कोई औचित्य रह गया और ना ही कोई आधार, इसलिए इसे रद्द करते हुए अखंड भारत का निर्माण करना चाहिए। जिससे इस भूभाग की भौगोलिक परिस्थिति भी बदले और विकास भी तेजी से हो।
बद्रीनाथ के कपाट बंद होते समय रहेंगे स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द
बद्रीनाथ के कपाट खुलने और बंद होते समय शंकराचार्य की उपस्थिति की परंपरा रही है। पिछले काफी समय से इसका पालन नहीं हो पा रहा था। यह जानकारी ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य व प्रतिनिधि अविमुक्तेश्वराननंद ने देते हुए बताया कि वह इस बार इस मौके पर बद्रीनाथ धाम में उपस्थित रहेंगे। 19 नवंबर को तीन बजकर पैंतीस मिनट पर बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकालीन के लिए बंद हो जाएंगे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बुधवार को कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।